उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस दौरान पूर्व पीएम के साथ बीता एक पुराना किस्सा साझा किया। बताया, “एक बार अटल जी ने मेरी शिकायत मेरे गुरु जी से करने के लिए कहा था।” ये किस्सा उन्होंने एक चैनल से बातचीत में सुनाया। साथ ही कहा कि अटल जी हर सांसद और कार्यकर्ता के लिए पिता जैसे थे।
योगी ने कहा, “अटल जी के साथ मेरा आत्मिक रिश्ता था। 1998 में मैं पहली बार सांसद बना था, तब उन्होंने दूसरी बार पीएम पद की शपथ ली थी। उनके कार्यकाल में मुझे लंबे समय तक काम करने का मौका मिला। उनका पूरे यूपी से लगाव था। गोरखपुर से भी आत्मिक लगाव था।”
योगी के मुताबिक, “जन संघ की स्थापना से लेकर अब तक किसी भी दूसरी पार्टी में इतनी लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाला कोई राजनेता नहीं रहा है। यूपी उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है, लिहाजा ये लगाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति है।”
आगे किस्सा के बारे में बताते हुए बोले, “मैं 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ रहा था। गोरखपुर में वह पहले रैली करते थे, उससे पूरा पूर्वी यूपी कवर हो जाता था। उस बार पहले चरण में उनकी रैली न हुई। मैं एक कार्यक्रम में जा रहा था, तो मुझे पता चला की पीएम आ रहे हैं।”
योगी ने कहा, “मुझसे पूछा गया- आप मिलना चाहेंगे? मैंने कहा- वह (अटल) यहां। 15 मिनट बाद उनका जहाज आया। वह विमान से उतरे। बोले- मैं तुम्हारी शिकायत, तुम्हारे गुरु जी से करूंगा। तुम्हारे कारण मुझे जगह-जगह जाना पड़ रहा है। पहले मैं केवल गोरखपुर में रैली करता था। मुझे बताया गया कि आपने (योगी) ने कहा है कि रैली की गोरखपुर में जरूरत नहीं है। जवाब में मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं है। मैंने तो उसके लिए आवेदन किया था। वह इसके बाद जोर से हंस कर कार्यक्रम में चले गए।”
बकौल यूपी के मुख्यमंत्री, “दो दिन बाद गोरखपुर में उनकी रैली हुई। कितना आत्मीय लगाव था। वास्तव में पिततुल्य लगाव उनका हर सांसद, हर कार्यकर्ता के प्रति था। इसलिए वह अटल जी हुए। उनकी तुलना उस कालखंड की राजनीति में किसी से नहीं की जा सकती है। ऐसे में उनका निधन बड़ी और अपूरणीय क्षति है।”