सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसा के बाद मिजोरम के सांसद के वनलालवेना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्यसभा सांसद से पूछताछ के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली आ रही है। असम पुलिस ने इस हिंसा को साजिश करार देते हुए इसमें मिजोरम सांसद की सक्रिय भूमिका होने का दावा किया है। बताते चलें कि मिजोरम सासंद ने पुलिस को सार्वजनिक तौर पर मारने की धमकी दी थी।
सांसद के वनलालवेना का बयान: सांसद ने संसद भवन के बाहर MP के वनलालवेना ने मीडिया से असम-मिजोरम हिंसक झड़प पर बातचीत करते हुए कहा था कि 200 से ज्यादा पुलिसवाले हमारे इलाके में घुसे, हमारे पुलिसकर्मियों को चौकियों से हटा दिया और हमसे पहले गोली चलाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा वे किस्मत वाले थे कि हमने उन्हें मारा नहीं। अगर फिर से ऐसा करेंगे तो हम उन्हें खत्म कर देंगे।
बयान पर असम पुलिस: असम पुलिस के सीनियर अधिकारी जीपी सिंह ने राज्यसभा सांसद के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के बयान षड्यंत्र में उनकी सक्रिय भूमिका की ओर इशारा करते हैं। जीपी सिंह के अनुसार असम पुलिस उन लोगों की एक पिक्चर गैलेरी तैयार कर रही है। जिसमें मिजोरम पुलिस और उन स्थानीय लोगों की तस्वीरें होंगी जिन्होंने पुलिस पर फायरिंग की थी। असम सरकार ने एक बयान जारी कर हमलावरों की जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने का भी ऐलान किया है।
मिजोरम ने की केंद्र से अपील: वहीं दूसरी तरफ मिजोरम सरकार ने इस मामले पर केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने असम पर आर्थिक नाकेबंदी का भी आरोप लगाया है। मिजोरम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत की है कि आर्थिक नाकेबंदी और रेलवे लाइन को तबाह करने के कारण मिजोरम की जरूरी सामानों की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को लिखी अपने चिट्ठी में, गृह सचिव पी लालबियाकसांगी ने कहा कि हाइवेज और रेलवेज पर केंद्र सरकार का मालिकाना हक होता है, कोई भी राज्य की एजेंसी या फिर संस्था उन्हें रोक कर जनता के लिए जरूरी सामानों की आवाजाही को प्रभावित नहीं कर सकती है। बताते चलें कि इस घटना से आक्रोशित स्थानीय नागरिकों ने कुछ रास्तों को बंद कर दिया है, जिसमें NH-306 भी शामिल है। NH-306 को मिजोरम की लाइफ लाइन कहा जाता है, इसी रास्ते से जरूरी सामानों की आवाजाही होती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बनाई टीम: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा के तेवरों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय भी एक्शन में आ गया है। संवेदनशील इलाकों में CRPF की तैनाती के साथ ही एक स्पेशल टीम बनाई गई है जोकि दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। सूत्रों के अनुसार अमित शाह खुद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संपर्क में बने हुए हैं।
हिंसक झड़प: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार 26 जुलाई को असम और मिजोरम के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इसमें असम पुलिस के 6 जवानों के साथ साथ एक नागरिक की भी मौत हुई थी। इसके बाद दोनों राज्यों ने एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।