नागर‍िकता संशोधन ब‍िल (CAB) के व‍िरोध में 12 द‍िसंबर को लगातार दूसरे द‍िन असम में लोगों का गुस्‍सा जारी है। कर्फ्यू के बावजूद लोग सड़कों पर उतरे और आगजनी की। एक प्रदर्शनकारी से एनडीटीवी ने बात की तो उन्‍होंने कहा- हम मर रहे हैं, ज‍िंदा रहने के ल‍िए कर्फ्यू के बावजूद न‍िकले हैं।

एक अन्‍य प्रदर्शनकारी ने कहा क‍ि बीजेपी सरकार सबसे झूठी सरकार है। यहां दूसरी जगहों से लोग आ जाएंगे तो उन्‍हें नौकरी, खाना और बाकी चीजें चाह‍िए होंगी। सरकार पहले ये सब हमें दे, फ‍िर क‍िसी और को दे। बता दें क‍ि लोकसभा के बाद 11 द‍िसंबर को राज्‍यसभा में भी नागर‍िकता संशोधन ब‍िल (CAB) पास हो गया है।

असम में इसका भारी विरोध हो रहा है। राज्य में कर्फ्यू है। सेना ने स्‍थ‍ित‍ि संभाली हुई है। 12 द‍िसंबर की सुबह भी सेना ने फ्लैग मार्च क‍िया। लेक‍िन, लोगों का गुस्‍सा कम नहीं हो रहा है। मालूम हो कि नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने के प्रावधान है।

शर्त है कि बाहर से आने वाले लोग कम से कम 6 साल से भारत में रह रहे हों। इससे पहले यह समय अवधि 11 साल थी। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि पूर्वोत्तर के अधिकतर राज्य इस संशोधित बिल के अंतर्गत नहीं आएंगे। केंद्र सरकार का यह भी कहना है कि बिल से किसी के साथ भी धर्म, भाषा, क्षेत्र, जाति के आधार पर अन्याय नहीं होगा।

पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस बात के प्रति पूर्वोत्तर के राज्यों के आश्वस्त कर चुके हैं कि इस बिल से यहां के लोगों की परंपरा, संस्कृति और भाषा आदि कुछ भी प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि है कि केंद्र सरकार संबंधित राज्यों की सरकारों के साथ मिलकर वहां के विकास के लिए काम करेगी।

स्थानीय लोगों को डर है बिल के पारित होने के बाद दूसरे देशों के शरणार्थियों की संख्या यहां बढ़ जाएगी। भारत की नागरिकता मिलने के बाद वे लोग राज्यों के संसाधनों में हिस्सेदारी बांटेंगे। इससे यहां रह रहे मौजूदा लोगों के लिए पहले से कम मिल रहे अवसरों में और कमी आ जाएगी।