अबू समा और अबू बकर रविवार को एक ठसाठस भरी बस में अपनी पत्नियों और छोटे-छोटे बच्चों के साथ सवार हुए। उन्होंने उम्मीद है कि वे सोमवार को यहां से 300 किमी दूर स्थित जोरहाट में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) को लेकर चल रही सुनवाई में वक्त पर पहुंच जाएंगे। मजदूरी करके अपने परिवार का पेट चलाने वाले इन लोगों के अलावा सैकड़ों ऐसे हैं, जिन्हें एनआरसी की सुनवाई के लिए कथित तौर पर अचानक से नोटिस मिला है।
नोटिस पाने वाले अधिकतर लोग कामरूप और बारपेटा जिले से हैं। इन लोगों को सुनवाई में जल्द से जल्द पहुंचने के लिए कहा गया है, जोकि सोमवार से शुरू हो रही है। ऐसे नोटिस शनिवार रात से लोगों को मिलने लगे हैं। समयसीमा बेहद कम होने की वजह से लोगों में घबराहट का माहौल है। वहीं, सरकार की तरह से भी चुप्पी बरती जा रही है। ऐसे में इन दो जिलों के लोग गाड़ियां किराए पर लेकर लंबे सफर पर निकल रहे हैं।
सुनवाई के लिए निकल रहे लोगों में कई ऐसे हैं, जो पहली बार इतनी दूर के सफर के लिए रवाना हुए हैं। जिस बस में समा और बकर सवार हुए, उसे नोटिस पाने वाले गांववालों ने 30 हजार रुपये में बुक किया है। वहीं, दूसरे परिवार टाटा सूमो और पिक अप ट्रक्स पर लदकर जोरहाट, डिब्रूगढ़, शिवसागर और गोलाघाट के लिए रवाना होते नजर आए।
संतोली का जिक्र करते हुए एक स्थानीय पुलिसवाले ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि मानो इस क्षेत्र के सभी लोगों को नोटिस मिला है।’ उनके कुछ सहकर्मी पुलिसवालों को भी नोटिस मिला है जिन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन किया है। नजदीक स्थित गोरोईमारी में भी काफी लोगों को नोटिस मिला है। वे भी घबराए हुए हैं और यात्रा के लिए पैसे जुटा रहे हैं।
इस बीच, एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने इन नोटिसों को लेकर किए गए कॉल्स और टेक्स्ट मैसेजों का कोई जवाब नहीं दिया। बता दें कि उन पर प्रेस से बातचीत करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बंदिश भी लग चुकी है। सुप्रीम कोर्ट एनआरसी की प्रक्रिया पर नजर रख रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, चोमोरिया रेवेन्यू सर्किल के तहत आने वाले संतोली की बात करें तो सिर्फ यहीं करीब 25 हजार लोगों को एनआरसी के लिए नोटिस मिला है। शिवसागर उन जिलों में से एक है, जहां सैकड़ों परिवार को सुनवाई के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। जिन परिवारों से द इंडियन एक्सप्रेस ने बातचीत की, उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि नोटिस क्यों भेजा गया है?
समा ने बताया, ‘मेरा नाम एनआरसी में है। हालांकि, कुछ वजहों से हमें बुलाया गया है। बीती रात 10 बजे हमें गांव के मुखिया की ओर से ये नोटिस मिले। जोराहाट यहां से काफी दूर है…हम वहां कभी नहीं गए।’ वहीं, बकर ने कहा कि उनके परिवार को भी एनआरसी में जगह मिली थी। उन्होंने कहा, ‘लोग डर रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि हमें क्यों बुलाया गया है?’