असम के गोलपारा में डिटेंशन सेंटर में लाए गए एक 50 वर्षीय अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। तीन साल में अबतक कुल 29 लोगों की मौत हो चुकी है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि नरेश कोच बीमार थे और उन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार की शाम उनकी मौत हो गई।
खबरों के मुताबिक असम में मौजूदा समय में कुल 6 डिटेंशन सेंटर हैं जिसमें अवैध प्रवासियों को रखा गया है। मटिया में एक नए डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है।
गोलपारा जिले के मोरोई से आए नरेश कोच 7 मार्च, 2018 से हिरासत में थे। 1 जून, 2017 को दिए गए एक आदेश में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल नंबर 5 ने कोच को अवैध विदेशी घोषित किया था। कोच ने बार-बार स्थगन के बावजूद ट्रिब्यूनल के सामने खुद को पेश नहीं किया है, ट्रिब्यूनल ने उन्हें आदेश दिया कि उन्हें हिरासत में ले लिया जाए और निर्वासित होने तक हिरासत में रखा गया।
इससे पहले अक्टूबर में, 65 वर्षीय व्यक्ति, जिसके परिवार का दावा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर था, को एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। उसकी भी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
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2009 से 2015 के बीच गोलपारा, कोकराझार, जोरहाट, डिब्रूगढ़, तेजपुर और सिलचर में लगभग 900 व्यक्तियों को हिरासत में रखा गया है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य में 100 विदेशी ट्रिब्यूनलों (FTs) द्वारा घोषित विदेशियों को डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
असम पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक मई 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 175 घोषित विदेशियों को अब तक जमानत पर रिहा कर दिया गया है, दरअसल कोर्ट का आदेश था कि जिन लोगों ने तीन साल या उससे अधिक की सजा काट ली है, उन्हें सशर्त रिहा किया जाना चाहिए।