इधर असम सरकार ने राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद करने की योजना बनाई है। असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में मदरसे के प्रांतीयकरण को रद्द करने के लिए राज्य विधानसभा में विधेयक पेश किया। असम सरकार में शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘हमने विधानसभा में नया बिल लाया है जिसके तहत राज्य के सभी मदरसा, सामान्य शिक्षा के इंस्टीच्यूट बन जाएंगे। हम भविष्य में कोई भी मदरसा नहीं बनाएंगे। इस बिल को लाते वक्त हमें खुशी हो रही है कि हम शिक्षा जगत में सही मायने में एक सामान्य पाठ्यक्रम लागू कर पाएंगे।’

असम सरकार के मंत्री का कहना है कि कांग्रेस औऱ All India United Democratic Front ने इस बिल का विरोध किया है। लेकिन हमने तय किया कि हम यह बिल जरूर पास कराएंगे। मीडिया से बातचीत में हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि अगर यह बिल पास हो जाता है तब राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सभी मदरसे बंद हो जाएंगे। आपको बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा ने अक्टूबर के महीने में ऐलान किया था कि असम में मदरसा बोर्ड खत्म हो जाएगा और राज्य में चल रहे सभी मदरसे सामान्य स्कूल में तब्दील हो जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया है कि सरकार किसी भी निजी मदरसे को फिलहाल बंद करने के पक्ष में नहीं है।

हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक मदरसों को बंद करने का फैसला सर्वे के बाद लिया गया है। गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने अपनी सर्वे के आधार पर पाया है कि मदरसे में पढ़ाई करने वाले ज्यादातर बच्चों के परिजनों को नहीं पता है कि उनके बच्चे मदरसे में रेगुलर विषयों को नहीं बल्कि कुछ तय किये गये विषयों के बारे में ही पढ़ पाते हैं।  जिसके बाद असम सरकार ने मदरसों को बंद करने का फैसला किया है।

मदरसा बंद होने के बाद यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को आम स्कूलों में पढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। असम सरकार के शिक्षा मंत्री ने पहले यह भी बताया था कि सरकार राज्य के संस्कृत स्कूलों को भी बंद करने के पक्ष में है।