असम में हिंदू बंगाली और असमिया समुदायों के बीच विवाह को आर्थिक सहायता देने के लिए एक वेबसाइट शुरू की गई है। इस वेबसाइट का नाम समन्वय (Samanvay) है, जिसे बीते रविवार (16 फरवरी, 2020) को भाषाई अल्पसंख्यक विकास बोर्ड (ALMDB) के अध्यक्ष ने लॉन्च किया है। दो समुदायों के बीच ‘संबंधों को मजबूत करने’ के लिए सरकार के प्रस्ताव के बाद इसे अमल में लाया गया है। ALMDB अध्यक्ष आलोक घोष ने बताया कि प्रदेश में असमिया और बंगाली समुदाय के विवाह होते हैं। इन दंपत्तियों को परिवार और अन्य वजहों के चलते विवाह में खासी परेशानी होती है। इसलिए हम उन्हें वित्तीय सहायता देना चाहते हैं। ये सहायता 40,000-50,000 रुपए तक हो।

ALMDB अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने इस प्रस्ताव के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सें संपर्क किया है। हमें उम्मीद हैं कि 2020-21 के प्रदेश बजट में इसे हरी झंडी मिल जाएगी।’ राज्य का वार्षिक बजट 2020-21 चार मार्च को पेश किया जाना है। हालांकि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रंजीत दत्ता ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि उन्हें अभी इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं मिला। इसलिए मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।

इसी बीच भाजपा के आलोक घोष ने कहा कि इस काम को करने का उनका दृढ़ निश्चय हैं। सरकार सहायता करे या ना करे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हम फंड जुटाएंगे, अगर जरुरत पड़ी तो चंदा भी करेंगे। घोष साल 2018 से ALMDB के अध्यक्ष हैं। ALMDB का गठन असम सरकार ने 1996 में भाषाई अल्पसंख्यक लोगों के कल्याण के लिए किया था।

आलोक घोष ने कहा कि बोर्ड लंबे समय तक निर्जीव पड़ा रहा, लेकिन जब से उन्होंने कार्याभार संभाला है, तब से सक्रिय रूप से भाषाई अल्पसंख्यकों की मदद करने की कोशिश में जुटे हैं।

बता दें कि घोष के प्रस्ताव में 15 मूर्तियों का निर्माण भी शामिल हैं। इनमें भारत रत्न भूपेन हजारिका भी शामिल हैं। इसके अलावा असमिया साहित्यकार लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ और उनकी बंगाली पत्नी प्राज्ञ सुंदरी देवी की मूर्ति भी शामिल हैं। प्राज्ञ सुंदरी रवींद्रनाथ टैगोर की भतीजी हैं।