Assam CM Himanta Biswa Sarma: एक ओर बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर घमासान चल रहा है और चुनाव आयोग ने कहा है कि वोटर लिस्ट का रिवीजन न सिर्फ बिहार बल्कि देश के सभी राज्यों में किया जाएगा लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की इस मामले में अलग ही राय है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि डेमोग्राफिक चेंज की समस्या को वोटर लिस्ट रिवीजन (Voter List Revision) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस National Register of Citizens (NRC) जैसे कदम उठाकर दूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस मामले में ‘स्वदेशी समाधान’ की जरूरत पर जोर दिया।

द इंडियन एक्सप्रेस ने हाल ही में खबर दी थी कि असम सरकार ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि NRC को वोटर लिस्ट के रिवीजन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद एक डॉक्यूमेंट के रूप में स्वीकार किया जाए। NRC की प्रक्रिया का मकसद भारत के लोगों और अवैध अप्रवासियों की पहचान करना था।

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NRC को लेकर हुआ था बवाल

2019 में असम में NRC को लेकर बहुत बवाल हुआ था। इसमें 3.3 करोड़ लोगों में से 19.6 लाख लोगों को बाहर रखा गया था। असम सरकार का कहना था कि और इसमें असम के ‘मूल निवासी’ शामिल नहीं हैं जबकि ‘विदेशियों’ को शामिल किया गया है। बीजेपी के नेतृत्व वाली असम सरकार लगातार NRC के सैंपल के री वेरिफिकेशन पर जोर दे रही है।

मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि NRC या वोटर लिस्ट रिवीजन डेमोग्राफिक चेंज का कोई जवाब है। मुख्यमंत्री का कहना है कि मिडिल और लोअर असम में जहां बंगाली मूल के मुसलमानों की आबादी ज्यादा है, वहां पर बड़े पैमाने पर डेमोग्राफिक चेंज हुआ है और ऊपरी असम में भी इसी तरह के हालत बने हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में NRC इसलिए फेल हो गई क्योंकि सीमा से लगने वाले जिलों में इसे ठीक ढंग से लागू करने के लिए जरूरी मेकैनिज्म नहीं था।

असमिया समाधान है जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे यहां NRC लागू हो चुकी है। हमें नहीं पता कि यहां (वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर) क्या होगा, लेकिन दक्षिण सलमारा-मनकाचर, हैलाकांडी (बांग्लादेश की सीमा से लगे जिले) में (विदेशियों की पहचान के लिए) कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी समस्याओं के लिए असमिया समाधान एक स्वदेशी समाधान की जरूरत है।

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