ओड़ीशा कैडर के पूर्व आइएएस अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) कुछ साल पहले ही राजनीति में आए और वर्तमान मंत्रिपरिषद में रेल और संचार जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं। 2014 के बाद एनडीए सरकार के चौथे रेल मंत्री वैष्णव ने नरेंद्र मोदी का भरोसा काम के दम पर कमाया है। वैष्णव पहले अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव भी रह चुके हैं।

राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए अश्विनी वैष्णव भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से पढ़े हैं और 1994 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। उनका अखिल भारतीय स्तर पर 27वां स्थान रहा था। इसके बाद उन्होंने ओड़ीशा के बालासोर और कटक जिले के डीएम के तौर पर काम किया था। साल 1999 में आए भीषण चक्रवात के समय उन्होंने बतौर नौकरशाह अपने कौशल का परिचय दिया और उनकी सूचना के आधार पर सरकार त्वरित कदम उठा सकी जिससे बहुत सारे लोगों की जान बचाई गई।

साल 2008 में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और अमेरिका की विश्वविद्यालय से एमबीए पढ़ाई करने चले गए। एमबीए करने के बाद बाद उन्होंने कुछ बड़ी कंपनियों में नौकरी की और फिर गुजरात में आटो उपकरण की विनिर्माण इकाइयां स्थापित कीं।

वैष्णव 28 जून, 2019 को हुए राज्यसभा चुनाव से सिर्फ छह दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद राज्यसभा का चुनाव जीत कर वैष्णव ने लोगों का आश्चर्यचकित कर दिया था।

2014 में एनडीए की केंद्र में सरकार बनने के बाद डीवी सदानंद गौड़ा रेल मंत्री बने। गौड़ा के रेल मंत्री रहते हुए एक दुर्घटना हुई जिसमें गोरखधाम एक्सप्रेस खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। इस दुर्घटना में करीब 25 लोगों की मौत हुई। नौ नवंबर, 2014 को सुरेश प्रभु एनडीए सरकार के दूसरे रेल मंत्री बने। प्रभु के कार्यकाल में तीन बड़े रेल हादसे हुए।

सितंबर 2017 में सुरेश प्रभु के स्थान पर पीयूष गोयल रेल मंत्री बनाए गए। गोयल जुलाई 2021 तक रेल मंत्री रहे और उनके कार्यकाल में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसके बाद जुलाई 2021 से रेल मंत्रालय की कमान अश्विनी वैष्णव के पास है।