बिहार के सारन जिले में शुक्रवार को भैंस चुराने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने इन तीनों को मवेशियों की कथित तौर पर चोरी करते हुए पकड़ा था। यह घटना बनियापुर थाना क्षेत्र की है। मृतकों के परिवारों का दावा है कि पीड़ित शौच के लिए बाहर गए थे और इसी दौरान गलत आरोप लगाकार उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
इस मुद्दे पर जमकर बहस हो रही है। क्या इस पर केंद्र सरकार को कड़ा बनाना चाहिए? इसकी एक बार फिर चर्चा जोरों पर है। इसी मुद्दे पर जब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से एक पत्रकार ने बातचीत की तो उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
ओवैसी ने कहा ‘सरकार को इसपर कानून बनाना चाहिए। उन्हें किस बात का खौफ है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कह दिया है कि मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाया जाना चाहिए। आपने ‘आधार’ और तीन तलाक के खिलाफ कानून बना दिया। लेकिन मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों को किसी बात का डर नहीं है वह सोच रहे हैं कि वे खुद पुलिस हैं और खुद ही कोर्ट भी हैं। लेकिन जब आप इसपर कानून बनाएंगे तो लोगों में डर पैदा होगा जो फिलहाल नहीं है। लोग समझ रहे हैं कि हम जिसे चाहे उसे मार देंगे।’
उन्होंने आगे कहा ‘सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश फॉलो करे। उन राज्यों में जहां मॉब लिंचिंग के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं वहां पर कानून बनना चाहिए। हर एक राज्य में कानून बनना चाहिए। क्या देश कानून से चलेगा या फिर गुंडागर्दी से।’ मालूम हो कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं से मोदी सरकार सवालों के घेरे में है। सरकार की तरफ से इसके खिलाफ सख्त कानून लाए जाने की बात कही गई है। लेकिन अभी तक इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

