आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा के चुनाव में केवल सीमांचल क्षेत्र में जोर आजमाइश करेगी।
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी लेकिन सीमांचल क्षेत्र तक सीमित रहेगी जिसमें मुख्य रूप से चार जिले अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार आते हैं। पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसकी जानकारी दिए बिना आवैसी ने कहा कि हम बिहार के सीमांचल इलाके तक सीमित रहेंगे। हम जीत की अपनी संभावनाओं को लेकर यर्थाथवादी हैं। हमें अपनी मजबूती और कमजोरियों का पता है। हमारा सीमांचल क्षेत्र में चुनाव लड़ना सीमांचल क्षेत्र के हित और न्याय में है।
दूसरी पार्टियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के मापदंड खराब हैं। और सीमांचल में तो यह और भी खराब है। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार धारा 371 के तहत एक क्षेत्रीय विकास परिषद का गठन करे। ओवैसी ने कांग्रेस, भाजपा, नीतीश कुमार और दूसरी पार्टियों को क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पार्टी के बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने की स्थिति में वोटों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर एमआइएम नेता ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव और राजस्थान के स्थानीय निकाय चुनाव में मुकाबले में नहीं थी लेकिन तब भी राजग बहुमत से जीता। उन्होंने कहा कि यह एक गलत आरोप है जिसका कोई महत्त्व नहीं है और कथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।