प्रधानमंत्री की नागरिकता का सबूत उनका भारत में जन्म लेना है। देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर चर्चा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में यह जानकारी आरटीआई के जरिये सामने आई है।

सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नागरिकता अधिनियम 1955’ के अनुभाग-3 के अंतर्गत जन्म से भारत के नागरिक हैं।

पानीपत के रहने वाले पीपी कपूर ने आरटीआई दाखिल कर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों/ मंत्रीगण के भारतीय नागरिक होने संबंधी सबूतों की सत्यापित छायाप्रति प्रत्येक के नाम सहित सूचना मांगी थी।

मालूम हो कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में पेश प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि मेरे परिवार और पूरे कैबिनेट के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं। केजरीवाल का कहना था कि इस स्थिति में सभी को एनपीआर के तहत डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा।

केजरीवाल का कहना था कि ये डर सबको सता रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मेरी अपील है की एनपीआर और एनआरसी को रोक दिया जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली विधानसभा में 70 विधायक हैं। लेकिन सिर्फ 9 विधायकों ने कहा की उनके पास जन्म प्रमाण पत्र है। केजरीवाल ने पूछा कि 90% लोगों के पास ये साबित करने के लिए कोई सरकारी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। क्या सबको डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा?

इससे पहले केरल के त्रिशूर के रहने वाले जोश कल्लूवेटिस ने राज्य सूचना विभाग के प्रमुख को आवेदन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागरिकता का साबित करने वाले दस्तावेज की मांग की थी। याचिका में पूछा गया था कि ऐसे कौन से डॉक्यूमेंट हैं जिससे साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के नागरिक हैं। मालूम हो कि केरल देश का पहला राज्य था जो नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।