भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर अब तक तनाव बरकरार है। दोनों ही देशों की सेनाएं आमने-सामने तो नहीं हैं, पर लगातार कुछ दूरी से एक-दूसरे की हरकतों पर नजर रख रही हैं। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिले। यहां जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष के सामने साफ कर दिया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को ‘स्वीकार्य नहीं’ है। साथ ही दोनों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बैठक को भी जल्द शुरू कराने पर बात हुई। हालांकि, इसे लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने निशाना साधा और इशारों में इसे अंतहीन चर्चा का हिस्सा करार दे दिया।

भारत-चीन की बातचीत पर क्या बोले भाजपा सांसद?: बीते कुछ महीनों से अर्थव्यवस्था से लेकर विदेश नीति तक के मामले में मोदी सरकार को घेरने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को चीन नीति को लेकर भी इशारों में तंज कसा। दरअसल, ट्विटर पर एक यूजर ने न्यूज रिपोर्ट शेयर कर स्वामी से कहा कि भारत और चीन के बीच मिलिट्री कमांडरों की बैठक जल्द कराने पर सहमति बनी है। इसी को लेकर स्वामी ने ट्वीट में तंज कसा।

भाजपा सांसद ने इशारों में भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा- “इसके बाद विदेश मंत्रियों की जल्द बैठक होगी, जिसके बाद फिर मिलिट्री कमांडरों की बैठक होगी। यह तब तक होगा, जब तक इस प्रक्रिया से घृणा नहीं हो जाएगी।”

इसके बाद एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने कांग्रेस को भी घेरा और कहा कि अब तक किसी कांग्रेसी ने भी लद्दाख में चीन द्वारा हमारी जमीन घेरे जाने की निंदा नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ऐसा आगे भी नहीं करेगी, क्योंकि डेपसांग की जमीन 2013 में चीन ने तब कब्जाई थी, जब कांग्रेस सत्ता में थी।

भारत-चीन में 11 चरण में हो चुकी है कमांडर स्तर की बातचीत: बता दें कि लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच टकराव शुरू होने के बाद से अब तक भारत और चीन के विदेश मंत्री वर्चुअल और आमने-सामने दोनों तरह से बैठक कर चुके हैं। वहीं, दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बैठक के भी 11 राउंड पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद चीनी सेना अब तक सिर्फ पैंगोंग सो से ही पीछे हटी है, जबकि हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा सेक्टर और डेपसांग में दोनों सेनाओं के बीच टकराव जारी है।

जयशंकर और वांग यी की बैठक में क्या हुई बात?: विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ताजिकिस्तान के दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन के इतर एक घंटे तक चली बैठक के दौरान, दोनों देशों के मंत्रियों ने जल्द ही अगले दौर की सैन्य वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई और इसका केन्द्र पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए लंबित मुद्दों पर चर्चा करने पर रखा। मंत्रालय ने कहा कि इस बात पर भी सहमति बनी है कि दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित करना जारी रखेंगे और कोई भी पक्ष एकतरफा कार्रवाई नहीं करेगा, जिससे तनाव में वृद्धि हो।