आर्यन खान ड्रग्स केस में सीबीआई ने नया खुलासा किया है। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई जोन के पूर्व प्रमुख समीर वानखेड़े और अन्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में सीबीआई ने कहा कि आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने की प्लानिंग की जा रही थी। सीबीआई ने बताया कि आर्यन खान ड्रग्स केस के गवाह केपी गोसावी, आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने की फिराक में थे।

पूछताछ के दौरान, समीर वानखेड़े से उनके फोरेन ट्रिप्स से जुड़ी जानकारियां भी ली जा रही हैं, लेकिन वह उसका जवाब देने से बच रहे हैं। सीबीआई जांच में पता चला है कि एनसीबी अधिकारियों ने केपी गोसावी को आरोपियों के सामने एनसीबी के एक अधिकारी के तौर पर पेश किया था। गोसावी पर आरोप है कि उन्होंने आर्यन खान को छोड़ने के लिए उनके परिवार से 18 करोड़ रुपयों की मांग की थी। जांच में यह भी पता चला है कि क्रूज ड्रग्स मामले के 17 संदिग्धों को छोड़ दिया गया था, जिनमें एक ड्रग डीलर भी शामिल था। उनके खिलाफ डॉक्यूमेंटेशन की भी कोई प्रक्रिया नहीं दी गई। जांच में आगे पता चला कि वानखेड़े अपनी विदेश यात्राओं और उसके खर्च के बारे में भी जानकारी नहीं दे सके हैं। इसके अलावा, वह विभाग को सूचित किए बिना एक निजी संस्था के साथ महंगी घड़ियों की बिक्री और खरीद में भी शामिल थे।

एनसीबी द्वारा की गई कार्रवाई के मुताबिक, एसईटी (विशेष जांच दल) ने खुलासा किया कि कोर्डेलिया छापे के दिन 2 अक्टूबर, 2021 को कुछ संदिग्धों के नाम सूची से हटा दिए गए थे। फर्स्ट इंफोर्मेशन नोट ‘आई-नोट’ में शुरुआत में 27 नाम थे और बाद में 17 नामों को हटा दिया गया और आई-नोट में सिर्फ 10 नाम रह गए। इसके अलावा, आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट को चरस सप्लाई करने के लिए सिद्धार्थ शाह का नाम भी सामने आया था। इस मामले में उसको भी छोड़ दिया गया था, जबकि उसने खुद अरबाज मर्चेंट को चरस सप्लाई करने और खुद ड्रग्स लेने की बात स्वीकार की थी।

जांच में आगे बताया गया कि ड्रग मामले के आरोपियों को के पी गोसावी के निजी वाहन में एनसीबी ऑफिस लाया गया था, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि गोसावी की आरोपियों के सामने एक एनसीबी अधिकारी के तौर पर इमेज बनाने के मकसद से ऐसा किया गया था। गोसावी को आरोपियों के साथ रहने की भी अनुमति दी गई थी।

इस तरह आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने की साजिश में के पी गोसावी और उसके साथी सानविल डीसूजा की एंट्री हुई। हालांकि, बाद में 18 करोड़ रुपये पर यह डील फाइनल हुई और 50 लाख रुपये अग्रिम रिश्वत के तौर पर के पी गोसावी द्वारा लिए गए थे, लेकिन इस राशि का कुछ हिस्सा उन्हें वापस कर दिया गया।

रिपोर्ट में कहा गया, “वानखेड़े ने ड्रग मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही में केपी गोसावी और प्रभाकर सेल को स्वतंत्र गवाह के रूप में लेने का निर्देश दिया था। साथ ही वीवी सिंह को निर्देश दिया कि केपी गोसावी को मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी को संभालने दिया जाए।” इसके अलावा, NCB की रिपोर्ट कहती है, “वानखेड़े ने अपनी विदेश यात्राओं के बारे में ठीक से नहीं बताया है। उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं के स्रोत की भी ठीक से घोषणा नहीं की है। यह भी पाया गया कि वानखेड़े विभाग को बताए बिना एक निजी संस्था विरल राजन के साथ महंगी घड़ियों की बिक्री और खरीद में शामिल हुए।

इससे पहले शुक्रवार (12 मई, 2023) को अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान को 2 अक्टूबर, 2021 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में समीर वानखेड़े और चार अन्य लोगों के खिलाफ प्रथामिकी दर्ज करने के बाद शुक्रवार को मुंबई, दिल्ली, रांची, लखनऊ, गुवाहाटी और चेन्नई में 29 स्थानों पर एक तलाशी अभियान शुरू किया गया। समीर वानखेड़े के अलावा, एनसीबी के तत्कालीन अधीक्षक विश्व विजय सिंह, खुफिया अधिकारी आशीष रंजन, के. पी. गोसावी और सांविल डिसूजा के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

सीबीआई ने एनसीबी की एक शिकायत पर भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धाराओं 120-बी (आपराधिक साजिश) और 388 (जबरन वसूली) के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत से संबंधित प्रावधानों के लिए वानखेड़े और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि आईआरएस अधिकारी वानखेड़े और अन्य ने आर्यन खान को ड्रग्स केस में नहीं फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी।

वानखेड़े आर्यन खान की गिरफ्तारी के समय मुंबई में एनसीबी के प्रमुख थे। उन्हें पिछले साल मई में चेन्नई में करदाता सेवा महानिदेशालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। एनसीबी आर्यन खान को 25 दिन जेल में रखने के बाद 28 अक्टूबर, 2021 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। एनसीबी ने 27 मई, 2022 को आर्यन खान को क्लीन चिट देते हुए 14 आरोपियों के खिलाफ 6,000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान और पांच अन्य का नाम एजेंसी के आरोपपत्र में पर्याप्त साक्ष्य की कमी के कारण शामिल नहीं किया गया था।