दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें उन्होंने जेल अधिकारियों को यह निर्देश देने के लिए कहा था कि वह सीएम को वक़्त पर इंसुलिन देने का ख्याल रखें। साथ याचिका में उनकी शुगर के उतार-चढ़ाव से जुड़ी जानकारी और रखरखाव के लिए हर दिन 15 मिनट के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जांच और देखभाल की अनुमति मांगी गई थी।

याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए डॉ. रविचंद्र राव के साथ परामर्श में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

याचिका में और क्या था?

याचिका में कहा गया कि 1 फरवरी से सीएम केजरीवाल बेहतर देखरेख में थे और मेडिकल सुविधा ले रहे थे। वह ‘इंसुलिन रिवर्सल प्रोग्राम’ शुरू कर रहे थे और इंसुलिन बंद कर दिया गया। उनकी देखरेख हर वक्त ज़रूरी है। उन्हें भोजन, दवाई और दूसरी सुविधा हर वक्त मिलती रहनी चाहिए। गिरफ्तारी के बाद से उनके स्वास्थ्य में काफी गिरावट आई है।

यह याचिका तब दायर की गई थी जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को जेल महानिदेशक से आप के आरोपों पर तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने को कहा कि अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है। उपराज्यपाल का आदेश दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी के इस आरोप के बाद आया कि मुख्यमंत्री को जेल में घर का बना खाना और इंसुलिन न देकर मारने की साजिश रची गई थी।