दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उनका तर्क है कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें निर्दोष नहीं मान लेती, जब तक वे उन्हें फिर वोट देकर जिता नहीं देती, वे सीएम कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उनकी तरफ से जल्द चुनाव करवाने की मांग भी उठा दी गई है। अब यह सब तो चल ही रहा है, इसके साथ-साथ दिल्ली के नए सीएम को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है।
शाम पांच बजे केजरीवाल के आवास पर बैठक
असल में आज सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक अहम बैठक होने वाली है। उस बैठक में अगले मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा संभव है। बताया जा रहा है कि शाम पांच बजे वो मीटिंग बुलाई गई है जिसमें तमाम बड़े चेहरे शामिल होंगे। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ तो केजरीवाल की अलग बैठक पहले ही हो चुकी है, ऐसे में एक रणनीति पर काम किया जा रहा है।
केजरीवाल का इस्तीफा अगर मास्टर स्ट्रोक, BJP भी हासिल करेगी काफी कुछ
अगला सीएम चुनने का क्या है क्राइटेरिया?
इस समय संभावित सीएम की रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं। एक वर्ग अगर आतिशी को आगे कर रहा है दूसरा वर्ग यह भी मानता है कि अरविंद केजरीवाल पत्नी सुनीता को आगे कर सकते हैं। लेकिन कोई भी नेता इस समय खुद अपने नाम पर मुहर लगाने का काम नहीं कर रहा है, इसी वजह से सिर्फ अटकलें ही लगाई जा रही हैं। इतना जरूर कहा जा रहा है कि अगला मुख्यमंत्री ऐसा चुना जाएगा जिसे ठीक तरह से तालमेल बैठाना आता हो, जो एलजी से भी काम निकलवा सके और केंद्र के साथ भी बातचीत को जारी रखे।
सीएम रेस में किसका नाम?
अभी के लिए आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय जैसे नामों की सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है। लेकिन साथ ही साथ संजय सिंह, सुनीता केजरीवाल जैसे नामों का भी जिक्र हो रहा है। पार्टी को एक ऐसे चेहरे की तलाश है जो सभी को एकजुट भी रख सके और चुनावी मौसम में कुछ फायदा भी देकर जाए। वैसे नाम पर मुहर तो मीटिंग के बाद लगेगी, लेकिन केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर अलग-अलग थ्योरियां अभी से चलना शुरू हो चुकी हैं।
क्या केजरीवाल ने कुर्बानी दी है?
आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक किस्सा बताया है। वे कहते हैं कि मैं आज बाल कटवाने के लिए सुबह साढ़े 9 बजे सैलून गया था, लेकिन वो तब खुला नहीं था। मैंने वहां देखा कि कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि दिल्ली में जल्दी चुनाव होने चाहिए। एक आदमी ने तो यहां तक कहा कि सीएम ने जेल में रहते हुए जो मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा, वो एक अच्छा फैसला था। सौरव भारद्वाज ने आगे बताया कि लोग तो यहां बोल रहे थे कि ऐसा तो उन्होंने सतयुग में देखा था जब भगवान राम 14 साल के लिए वनवास चले गए थे। आप नेता ने जोर देकर बोला कि अरविंद केजरीवाल ने मर्यादा के लिए सीएम कुर्सी छोड़ने का फैसला किया।