दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा वार किया। उनकी तरफ से सीधे-सीधी पीएम को चौथी पास बता दिया गया। उन्होंने बिना नाम लिए पीएम को अनपढ़ सम्राट तक कहा और जनता के सामने एक कहानी सुनाई। उस कहानी में कहीं भी पीएम का नाम नहीं लिया गया, लेकिन निशाना उन्हीं पर रहा।
केजरीवाल की सियासी कहानी
अरविंद केजरीवाल ने कहानी सुनाते हुए कहा कि एक महान देश था। वहां गरीब के घर में बच्चा पैदा हुआ, ज्योतिषी को बुलाया गया। ज्योतिषी ने बता दिया कि बच्चा तो बड़े होकर सम्राट बनेगा। मां गरीब थी, इसलिए समझ नहीं पाईं कि बच्चा सम्राट कैसे बन जाएगा। खैर समय बीता, बच्चा बड़ा हुआ, सरकारी स्कूल में एडमिशन ले लिया। वो बोलने में अच्छा था, भाषण दे लेता था। पढ़ने में मन नहीं लगता था, ऐसे में चौथी क्लास में स्कूल से नाम वापस ले लिया। घर में गरीबी थी, ऐसे में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने लगा। भाषण अच्छा देता था, सभी को पता चल गया, किसी भी टॉपिक पर लगातार बोल सकता था। बच्चा बढ़ा हुआ और सही में सम्राट बन गया।
नोटबंदी-किसान कानून को लेकर घेरा
केजरीवाल आगे बताते हैं कि वो बच्चा सम्राट तो बन गया, लेकिन पढ़ा लिखा नहीं था। अधिकारी आते, किसी भी डॉक्यूमेंट पर साइन करवाकर ले जाते। सम्राट चुप रहता, उसे लगता अगर मुंह खुला तो कमजोरी सामने आ जाएगी। ऐसे ही एक दिन किसी ने बोला कि नोटबंदी कर दो, सम्राट ने रात आठ बजे आकर उसका ऐलान कर दिया। देश की आर्थिक हालत खस्ता कर दी। फिर किसी ने बोला कि 2000 का नोट शुरू कर दो, बिना सोचे वो भी कर दिया, फिर ऐसे ही वापस भी ले लिया। ऐसे ही किसान का कानून ले आए, 750 किसानों की प्रदर्शन करते हुए मौत हो गई, फिर एक साल बाद उसे वापस ले लिया। कोरोना आया तो थाली-चम्मच बजवा दी, सम्राट को पता नहीं था कि इंजेक्शन-दवाई की जरूरत पड़ेगी।
अडानी की दोस्ती का किया जिक्र
सीएम ने कहानी में आगे बताया कि वो सम्राट दोस्ती बहुत अच्छी करता था, दोस्तों पर मेहरबान था। केजरीवाल ने कहा कि सम्राट के एक दोस्त ने 12 हजार करोड़ की चोरी की, उसे देश से बाहर भेज दिया। दूसरे ने 20 हजार करोड़ का चूना लगा दिया, उसे भी भगा दिया। फिर एक दोस्त आया, उस पर खास ही मेहरबानी नजर आई, उसे खदान-जमीन सब बेच दिए। इसी तरह एक दोस्त ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया, उसे भी कुछ नहीं कहा। लेकिन दूसरों के खिलाफ जल्दी नाराज हो जाता था। पत्रकार ने कार्टून बनाया, जेल में डाल दिया, किसी ने खिलाफ लिखा, उस पर एक्शन हो गया। जब ये सबकुछ हो रहा था, देवता ऊपर से सब देख रहे थे। सभी देवता भगवान शिव के पास गए। शिवजी ने तीसरी आंख खोली और देखते ही देखते सप्तऋषि की मूर्ति टूट गई और आकाशवाणी हुई- सब साथ आओ, इस राजा के खिलाफ आवाज उठाओ। इसके बाद एक साल के अंदर में राजा का राजपाठ उखाड़ फेंक दिया गया।
अब इस कहानी में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहीं भी पीएम मोदी का नाम नहीं लिया, लेकिन निशाना उन पर ही रहा। अपने भाषण में केजरीवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि जो अध्यादेश अभी दिल्ली के लिए आया है, ये आने वाले समय में दूसरे राज्यों के लिए भी आ सकता है।