दिल्ली सरकार बनाम केंद्र की लड़ाई में नया मोड़ आ गया है। कुछ दिन पहले ही अधिकारों की लड़ाई में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत मिली थी। लेकिन अब उसी फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने एक नया अध्यादेश जारी कर दिया है। ये अध्यादेश केजरीवाल सरकार के लिए ही जारी किया गया है। इस अध्यादेश में साफ लिखा है कि अधिकारियों की पोस्टिंग-ट्रांसफर पर असली बॉस एलजी ही रहने वाले हैं।
पोस्टिंग को लेकर केंद्र ने क्या फैसला किया?
असल में कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनी हुई सरकार के पास अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर की ताकत रहनी चाहिए, इससे चुनी हुई सरकार जवाबदेह बनती है और अधिकारियों की भी जवाबदेही तय हो पाती है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश जारी किया है, उसके मुताबिक दिल्ली सरकार अधिकारियों की पोस्टिंग पर फैसला जरूर ले सकती है, लेकिन अंतिम मुहर एलजी को ही लगानी होगी।
आप-बीजेपी में जुबानी जंग तेज
इस पूरे मामले पर अब जमकर सियासत हो रही है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सरकार अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रही थी, उसकी तरफ से मनमौजी तरीके से अधिकारियों की पोस्टिंग हो रही थी। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने इसे फिर केंद्र का एक गलत फैसला बता दिया है। जोर देकर कहा जा रहा है कि केंद्र अब सुप्रीम कोर्ट का भी सम्मान नहीं कर रहा है। आजतक से बात करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अपनी हार से केंद्र बौखला गई है। उसने संविधान के साथ बड़ा छल किया है। लेकिन बीजेपी तर्क दे रही है कि ये अध्यादेश हर तरह के कन्फ्यूजन को दूर कर देगी।
कैसे होगी अब अधिकारियों की पोस्टिंग?
सरल शब्दों में बात हो तो केंद्र सरकार जो अध्यादेश लेकर आई है, उसके जरिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन होगा। ये प्राधिकरण ही बहुमत से फैसला करेगा कि कब किस अधिकारी का ट्रांसफर करना है। इस प्राधिकरण में तीन सदस्यों को रखा जाएगा, इसमें सीएम, मुख्य सचिव और प्रधान सचिव गृह होंगे। लेकिन जो भी फैसला होना होगा, वो बहुमत के आधार पर ही लिया जाएगा। यानी कि केजरीवाल सरकार के पास पूरी ताकत नहीं रहने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केजरीवाल ने क्या कहा था?
इससे पहले जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तब सीएम केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम डीवाई चंद्रचूड़ और बाकी सभी जजों को इस फैसले के लिए शुक्रिया कहते हैं। मैं तो दिल्ली की जनता को भी बधाई देना चाहता हूं। आज के फैसले के बाद और ज्यादा काम किया जाएगा और सरकार भी जवाबदेह बनेगी। कई सरकारी कर्मचारी और ऑफिसर्स का ट्रांसफर किया जाएगा। पुराने प्रशासन की वजह से तो जल बोर्ड की पेयमेंट तक रुक गई थी और मोहल्ला क्लिनिक बनाने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।