आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को देश के मध्यम वर्ग के लिए सात सूत्रीय मांग की। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास लगातार सरकारों द्वारा नजरअंदाज किया गया है और वे ‘टैक्स आतंकवाद’ के शिकार हैं। बुधवार को एक वीडियो संदेश में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मध्यम वर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक महाशक्ति है, लेकिन लंबे समय से इसे नजरअंदाज किया गया है और केवल टैक्स कलेक्शन के लिए इनका शोषण किया गया है।

केजरीवाल ने की ये बड़ी मांग

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से सात सूत्रीय चार्टर की घोषणा की। अरविंद केजरीवाल की मांगों में शिक्षा बजट को मौजूदा 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना और निजी स्कूल की फीस पर अंकुश लगाना शामिल है।

अरविंद केजरीवाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सभी के लिए आसान बनाने के लिए उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और छात्रवृत्ति का भी प्रस्ताव रखा। केजरीवाल ने स्वास्थ्य देखभाल खर्च में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स को हटाने के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद के 10 प्रतिशत तक वृद्धि का सुझाव दिया।

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ट्रेन किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिले रियायत

इसके अलावा केजरीवाल ने केंद्र सरकार से वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन किराए पर 50 प्रतिशत रियायत को बहाल करने का आग्रह किया, जिसे हाल के वर्षों में बंद कर दिया गया था। केजरीवाल ने आजादी के बाद से मध्यम वर्ग को ‘गुलाम मानसिकता’ तक सीमित करने के लिए राजनीतिक दलों की आलोचना की। उन्होंने वादा किया कि AAP सांसद आगामी संसदीय सत्रों में मध्यम वर्ग की आवाज उठाएंगे और उनके मुद्दों को राजनीतिक चर्चा का केंद्र बिंदु बनाने की कसम खाएंगे।

केजरीवाल ने यह घोषणा 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ हफ्ते पहले की है। इसके परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी ने 2020 में 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटें जीतीं थी। इस बार AAP लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी का मुख्य मुकाबला बीजेपी से हैं। वहीं कांग्रेस भी इस बार काफी जोर लगा रही है।