Arvind Kejriwal Interim Bail: मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आज कोई फैसला नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बिना कोई आदेश दिए उठ गई। अब इस मामले में अगली सुनवाई नौ मई को हो सकती है। आइए आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम बेल के पक्ष औऱ विपक्ष में क्या-क्या दलीलें दी गईं।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम साढ़े बारह बजे अंतरिम बेल के सवाल पर विचार करेंगे। जिसपर सरकार की तरफ से पेश हुए ASG एसवी राजू की तरफ से आपत्ति जताई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने कहा कि वह दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। चुनाव चल रहे हैं। ये असाधारण हालात हैं। वह आदतन नहीं है…

जिसपर SG तुषार मेहता ने दलील दी कि हम क्या उदाहरण दे रहे हैं। क्या आम आदमी सीएम से कम महत्वपू्र्ण है। सिर्फ इसलिए कि वह सीएम हैं, कोई डेविएशन नहीं हो सकता। क्या हम राजनेताओं के लिए एक्सेप्शन बना रहे हैं? क्या चुनाव प्रचार ज्यादा महत्वपूर्ण है?

इसपर जस्टिस खन्ना की तरफ से कहा गया है कि यह अलग है। चुनाव पांच साल में एक बार आते हैं। हम इसकी प्रशंसा नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि हम निश्चित ही यह नहीं चाहते कि क्राइम में लिप्त सियासतदानों को अलग तरह से ट्रीट किया जाए।

हर आदमी बराबर – SG तुषार मेहता

जिसके बाद SG तुषार मेहता ने कहा कि सवाल ये है कि आप अंतरिम जमानत दे या न दें। उन्हें छह महीने पहले बुलाया गया था, वह अपने मामले में खुद जज बन गए। अगर उन्होंने सहयोग किया होता तो शायद उनकी गिरफ्तारी नहीं होती। अब वो कह रहे हैं कि उन्हें प्रचार करना है। हर आदमी बराबर है।

इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि उनकी तरफ से बड़े परिप्रेक्ष्य में तर्क आया है। बहस के दौरान जस्टिस खन्ना ने ये भी कहा कि उन्हें यह कहने का अधिकार है कि गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले हुई थी।

जिसपर SG तुषार मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री सम्मन से बच रहे हैं… यह गलत मैसेज देगा और इससे आम आदमी निराश होगा। उन्हें प्रचार करनी की सुविधा मिलेगा। उनकी उस दलील पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमें आपका आपत्ति समझ आ गई है।

इसके बाद जस्टिस खन्ना केजरीवाल पक्ष से कहते हैं कि अंतरिम बेल पर अपने तर्क तैयार कर लीजिए। हम आपको सुनेंगे। वह नौ बार समन से बचे हैं। समझे।

इसके बाद SG तुषार मेहता जस्टिस खन्ना से निवेदन करते हैं कि पहले उनसे सुना जाए।

SG तुषार मेहता की दलीलों के विरोध में केजरीवाल के वकील एएम सिंघवी ने तर्क दिए। उन्होंने कहा कि मेहता गलत धारणा पेश कर रहे हैं…ऐसी अंतरिम जमानतें शर्तों के अधीन दी जाती हैं। एलजी ने 2 हफ्ते पहले एक फाइल को इस आधार पर लौटा दिया था कि उस पर सीएम के हस्ताक्षर नहीं हैं।

इस बात पर जस्टिस खन्ना ने जताई आपत्ति

सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने केजरीवाल पक्ष से यह भी कहा कि मान लीजिए कि हम आपको रिहा कर देते हैं, और आपको चुनाव में भाग लेने की अनुमति दे दी जाती है, तो आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करेंगे…इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं। इसपर सीनियर एडवोकेट ए एम सिंघवी ने कहा कि पूरा देश मुझ पर नजर रखेगा, खासकर ईडी। यह बहुत अपमानजनक होगा। 1.5 साल तक कुछ नहीं किया गया।

इसके बाद जस्टिस खन्ना ने साफ शब्दों में कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि अगर हम आपको रिहा करते हैं तो हम नहीं चाहते कि आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें। (इनपुट – लाइव लॉ)