मीडिया पर ‘आप को खत्म करने के षड़यंत्र’ का हिस्सा होने का आरोप लगाने के बाद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार ने सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने का निर्णय किया है और अपने अधिकारियों से कहा है कि मीडिया की विषय वस्तु की निगरानी करें ।

इस सिलसिले में सूचना व विज्ञापन निदेशालय (डीआइपी) को सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। दिल्ली सरकार पहली बार ऐसा कर रही है। डीआइपी के अधिकारी अभी तक सरकार से संबंधित खबरों की कतरन को अखबारों से काटकर रिकॉर्ड में रखते थे। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘डीआइपी अधिकारियों से कहा गया है कि खबरिया चैनलों पर सरकार से संबंधित खबरों की निगरानी रखें और इन विषयवस्तु की रोजना रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए।’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हाल में एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा था,‘मीडिया के एक बड़े धड़े ने आप को खत्म करने की ‘सुपारी’ ले रखी है। जन सुनवाई हो सकती है। दिल्ली में आठ से 10 जगह ऐसी हो सकती हैं जहां हम लोगों के एक समूह को इकट्ठा कर सकते हैं और भ्रामक क्लिप दिखा सकते हैं। इस तरह से हम ‘जनता की सुनवाई’ शुरू कर सकते हैं।’

सूत्रों ने बताया, ‘डीआइपी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की विषय वस्तु की निगरानी करें। अधिकारियों से कहा गया है कि इस काम को कम से कम एक महीने तक करें और उसके बाद सरकार निविदा जारी कर सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने के लिए विशिष्ट कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार बहुमत मिलने के बाद मीडिया का एक धड़ा आप को ‘बदनाम’ करने के लिए लगातार अभियान चला रहा है और आप, सरकार से जुड़े मुद्दों को छोड़कर दूसरे मुद्दों पर चुप्पी बनाए हुए हैं।

बहरहाल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक कार्यक्रम में कहा कि पूरे मीडिया को ‘विपश्यना’

करने की जरूरत है। उनसे दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) के पूर्व सदस्य सचिव आशीष जोशी की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था जिसमें जोशी ने कहा था कि ‘दिल्ली सरकार में हर किसी को ‘विपश्यना’ और ‘अनापना’ प्रशिक्षण लेने की तुरंत जरूरत है।’

केजरीवाल ने मीडिया के एक धड़े पर आप नेताओं के बच्चों और पत्नियों को निशाना बनाने के आरोप लगाए। केजरीवाल की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास पर अपने साथ अवैध संबंधों की ‘अफवाह’ का खंडन नहीं करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने विश्वास और उनकी पत्नी को समन जारी किया।

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ महीने से कुछ मीडिया घराने हमारी पार्टी की छवि को दिन-रात खराब कर रहे हैं। मैं काफी आहत हूं। इसलिए हमने चुप रहने का निर्णय किया है। हम केवल सरकार और अपने काम पर सवालों का जवाब देंगे। दूसरे सवालों के जवाब नहीं देंगे।’

उन्होंने पार्टी नेताओं के परिजनों को सार्वजनिक जीवन में कथित तौर पर ‘खींचे’ जाने पर भी नाखुशी जताई। उन्होंने पूछा, ‘क्या यही पत्रकारिता है?’ उन्होंने कहा, ‘आपकी लड़ाई हमसे है। कृपया हमारी पत्नियों व बच्चों को बख्श दीजिए। हम कब तक जवाब देते रहेंगे।’

केजरीवाल ने विश्वास का भी बचाव करने का प्रयास करते हुए कहा, ‘हर कोई कह रहा है कि अवैध संबंध नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों (विश्वास और महिला) कह रहे हैं कि अवैध संबंध नहीं है लेकिन चैनल अब भी इस तरह की चीजें चला रहे हैं। कुमार की बेटी भी स्कूल नहीं जा पा रही है क्योंकि वह वहां सवालों का सामना नहीं कर पा रही है। पूरा परिवार अवसाद में है।’

नजर के सामने

डीआइपी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की विषय वस्तु की निगरानी करें। अधिकारियों से कहा गया है कि इस काम को कम से कम एक महीने तक करें और उसके बाद सरकार निविदा जारी कर सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने के लिए विशिष्ट कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी।

कुछ न कहेंगे, चुप रह लेंगे

केजरीवाल ने मीडिया के एक धड़े पर आप नेताओं के बच्चों और पत्नियों को निशाना बनाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘मैं काफी आहत हूं। इसलिए हमने चुप रहने का निर्णय किया है। हम केवल सरकार और अपने काम पर सवालों का जवाब देंगे। दूसरे सवालों के जवाब नहीं देंगे।’