पटना में शुक्रवार (23 जून, 2023) को हुई विपक्षी दलों की महा बैठक में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला। जहां आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की मांग करते हुए कहा कि इसके बिना उनके लिए किसी भी गठबंधन में शामिल होना मुश्किल होगा। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी दिल्ली में आप प्रवक्ता के आरोपों को लेकर केजरीवाल को कड़ी नाराजगी व्यक्त की। इस बीच, दोनों नेताओं के बीच कहासुनी होगी, जिसे टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बीच में आकर शांत करवाया।
नीतीश के आवास पर 15 विपक्षी दलों की बैठक
कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर विपक्षी दलों की बैठक हुई और इस दौरान कांग्रेस और आप के बीच तनाव जैसी स्थिति नजर आई। इस बैठक में 15 विपक्षी दल शामिल हुए थे, जो 2024 में लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए इकट्ठा हुए थे।
खड़गे बोले- राज्यसभा में अध्यादेश पर अपना रुख व्यक्त करेगी कांग्रेस
बैठक में कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए थे। वहीं, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मौजूद थे। इस दौरान, आप नेताओं ने दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया ना देने का मुद्दा उठाया। वहीं, खड़गे ने दिल्ली में आप प्रवक्ता के आरोप पर केजरीवाल को अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अध्यादेश पर भाजपा और कांग्रेस के बीच समझौता हुआ था। संसद के आगामी सत्र में जब विधेयक को राज्यसभा में मतदान के लिए रखा जाएगा तो वह इस पर अपना रुख अपनाएगी।
ममता ने किया बीच-बचाव
इसके बाद खड़गे और केजरीवाल के बीच कहा-सुनी हो गई और ममता बनर्जी ने दोनों को शांत किया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने केजरीवाल से कहा कि उन्हें शांत हो जाना चाहिए क्योंकि कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह संसद सत्र शुरू होने से पहले इस मुद्दे पर अपना रुख अपनाएगी। मीटिंग में मौजूद और भी नेताओं ने कांग्रेस का पक्ष लेते हुए सुझाव दिया कि पार्टी को अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं से गुजरने दें और बैठक में स्टैंड लेने के लिए मजबूर न किया जाए।
सूत्रों ने कहा कि बनर्जी ने एक समय कांग्रेस और आप नेताओं से चाय और बिस्कुट पर अपने मतभेदों को बैठकर सुलझाने का भी सुझाव दिया। खड़गे ने कहा कि अध्यादेश के मुद्दे पर समर्थन को गठबंधन के लिए एक शर्त के रूप में नहीं रखा जा सकता। इस दौरान, उन्होंने आप नेताओं के कई भड़काऊ भाषणों का भी हवाला दिया, जो कांग्रेस को निशाना बनाकर दिए गए हैं।
केजरीवाल विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए। हालांकि, जब प्रेस कार्यक्रम चल रहा था तो आप ने एक बयान जारी कर कहा कि कि अध्यादेश पर कांग्रेस की चुप्पी उसके वास्तविक इरादों पर संदेह पैदा करती है। इसमें कहा गया कि कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी 11 दलों ने अध्यादेश के खिलाफ अपना रुख व्यक्त किया और घोषणा की कि वे राज्यसभा में इसका विरोध करेंगे।