Aam Aadmi Party Bihar Election: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को ऐलान किया है कि उनकी पार्टी अकेले ही बिहार के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं होगा। बिहार में आने वाले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और अरविंद केजरीवाल के चुनाव मैदान में उतरने से यह देखना होगा कि क्या विपक्ष को इसका नुकसान होगा?
केजरीवाल ने यह भी ऐलान किया कि पंजाब और गुजरात में भी आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी। हाल ही में AAP ने गुजरात की विसावदर और पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी।
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बिहार के विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं जबकि सरकार चला रहे एनडीए में जेडीयू, बीजेपी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
ओवैसी ने दिया था महागठबंधन को ऑफर
हाल ही में हैदराबाद के सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ANI से कहा था कि उनकी पार्टी भी बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। ओवैसी ने कहा था कि AIMIM ने इस सिलसिले में महागठबंधन के नेताओं से संपर्क किया है। ओवैसी ने कहा था, ‘हम सीमांचल और सीमांचल के बाहर भी चुनाव लड़ेंगे…अगर वे गठबंधन के लिए तैयार नहीं हैं, तो मैं हर जगह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं..।’
बिहार में इस बात को लेकर भी घमासान मचा हुआ है कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट का वेरिफिकेशन क्यों करा रहा है? इसे लेकर विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने बुधवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की थी। विपक्ष का कहना है कि यह गरीबों, दलितों, आदिवासियों और ओबीसी समुदाय को उनके वोट डालने से वंचित करने की साजिश है।
क्या बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे ओवैसी?
दिल्ली में AAP को मिली थी हार
AAP के लिए दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मिली हार बड़ा झटका थी। ना सिर्फ अरविंद केजरीवाल बल्कि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज जैसे बड़े चेहरे चुनाव हार गए थे लेकिन अब गुजरात और पंजाब में मिली एक-एक सीट पर जीत के बाद AAP फिर से खुद को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।
यह तय है कि बिहार के विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच बेहद नजदीकी और करीबी मुकाबला है। चुनाव में एक-एक वोट के लिए घमासान होना तय है, ऐसे में केजरीवाल की एंट्री से चुनाव समीकरणों पर क्या कोई असर पड़ेगा, ये देखने वाली बात होगी।
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