जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने 25 किताबों पर बैन लगा दिया है। ये सभी वो किताबें हैं जिन पर आरोप है कि ये पुस्तकें अलगाववाद को बढ़ावा देती हैं। बैन हुई किताबों की बात करें तो इसमें अरुंधति रॉय और ए.जी. नूरानी जैसे लेखिकाओं की पुस्तकें भी शामिल हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश के बाद गृह विभाग के मुख्य सचिव चंद्राकर भारती द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि कुछ साहित्य जम्मू-कश्मीर में झूठी कहानी और अलगाववाद का प्रचार करते हैं।
सरकार द्वारा जारी की गए अधिसूचना में कहा गया है, ‘इन साहित्यों ने जम्मू-कश्मीर में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में योगदान दिया है, जिसमें ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने, आतंकवादियों का महिमामंडन करना, सुरक्षा बलों का अपमान, धार्मिक कट्टरता और अलगाव को बढ़ावा देना, हिंसा और आतंकवाद का मार्ग प्रशस्त करना आदि शामिल हैं।
भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाली पाई गईं किताबें
जारी अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि सरकार की जानकारी में ये बात भी है कि कुछ साहित्य जम्मू कश्मीर में झूठी कहानी और अलगाववाद का प्रचार करते हैं। यह साहित्य ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और आतंकवादी महिमामंडल की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला है। जो युवाओं की मानसिकता पर गहरा प्रभाव डालेगा। सरकार ने यह भी कहा है कि बैन की गई 25 ऐसी पुस्तकों की पहचान की गई है जो अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली और भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाली पाई गईं हैं, जिससे भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 152, 196 और 197 के प्रावधान लागू होते हैं।
जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग द्वारा बैन की गई 25 किताबों की सूची
1. ह्यूमन राइट्स वाइलेंस इन कश्मीर, पिओट्र बाल्सेरोविज और अग्निस्का कुस्जेवस्का, रूटलेज (मनोहर प्रकाशक और वितरक)
2. कश्मीरी फाइट फॉर फ्रीडम, मोहम्मद यूसुफ सराफ (फिरोज संस, पाकिस्तान)
3. कश्मीर का उपनिवेशीकरण: भारतीय कब्जे में राज्य निर्माण, हफ्सा कंजवाल (स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस)
4. कश्मीर राजनीति और जनमत संग्रह, डॉ. अब्दुल गोखमी जब्बार (गुलशन पुस्तकें, कश्मीर)
5. क्या आपको कुनान पोशपोरा याद है? ,एस्सार बतूल और अन्य (जुबान बुक्स)
6. मुजाहिद की अजान, इमाम हसन अल-बाना शहीद-मौलान मोहम्मद इनायतुल्लाह सुभानी (मरकजी मकतबा इस्लामी पब्लिशर्स दिल्ली द्वारा संपादित)
7. अल जिहादुल फिल इस्लाम, मौलाना मौदादी (दारुल मुसन्निफीन-मरकजी मकतबा इस्लामी पब्लिशर्स दिल्ली)
8. स्वतंत्र कश्मीर, क्रिस्टोफर स्नेडेन (मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी प्रेस और सैंक्टम बुक्स दिल्ली)
9. कश्मीर में कब्जे का विरोध, हेली दुस्चिंस्की, मोना इन भट, अथर जिया और सिंथिया महमूद (पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय प्रेस)
10. लोकतंत्र और राष्ट्र के बीच: कश्मीर में लिंग और सैन्यीकरण, सीमा काजी (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस)
11. विवादित भूमि, सुमंत्र बोस (हार्पर कॉलिन्स भारत)
12. भविष्य की खोज में: कश्मीर की कहानी, डेविड देवदास (वाइकिंग पेंगुइन)
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13. कश्मीर में संघर्ष: भारत, पाकिस्तान और अंतहीन युद्ध, विक्टोरिया स्कोफील्ड (ब्लूम्सबरी इंडिया एकेडमिक)
14. कश्मीर विवाद: 1947-2012, एजी नूरानी (तूलिका पुस्तकें)
15. चौराहे पर कश्मीर: 21वीं सदी के संघर्ष के अंदर, सुमंत्र बोस (पैन मैकमिलियन इंडिया)
16. एक विघटित राज्य: अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर की अनकही कहानी, अनुराधा भसीन (हार्पर कॉलिन्स भारत)
17. गायब होने का विरोध: कश्मीर में सैन्य कब्ज़ा और महिलाओं की सक्रियता, अथर जिया (जुबान)
18. आतंकवाद का सामना, मारूफ रजा द्वारा संपादित (पेंगुइन इंडिया)
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19. कैद में आजादी: कश्मीरी सीमांत क्षेत्र में अपनेपन की बातचीत, राधिका गुप्ता (कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस)
20. कश्मीर: द केस फॉर फ्रीडम, तारिक अली, हिलाल भट्ट, अंगना पी. चटर्जी, पंकज मिश्रा और अरुंधति रॉय (वर्सो बुक्स)
21. आजादी, अरुंधति रॉय (पेंगुइन इंडिया)
22. अमेरिका और कश्मीर, डॉ. शमशाद शान (गुलशन पुस्तकें)
23. कश्मीर में कानून और संघर्ष समाधान, पियोत्र बालसेरोविक्ज और अग्निज्का कुस्जेवस्का (रूटलेज)
24. तारीख-ए-सियासत कश्मीर, डॉ. अफाक (कारवान-ए-तहकीक-ओ-सकाफत कश्मीर)
25. कश्मीर और दक्षिण एशिया का भविष्य, सुगाता बोस और आयशा जलाल द्वारा संपादित (रूटलेज)