भारतीय जनता पार्टी में हाशिए पर डाल दिए गए नेता शत्रुघ्न सिन्हा, यशवन्त सिन्हा और अरुण शौरी ने कल टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस दौरान अरुण शौरी मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर बोले और उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। जब अरुण शौरी से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस एक संघीय मोर्चे का समर्थन करेगी, तो अरुण शौरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस को अहसास होगा कि सभी की भलाई के लिए साथ आना जरूरी है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अरुण शौरी ने कहा, “सरकार का नियंत्रण पीएम मोदी के हाथ से फिसलकर अमित शाह के हाथ में जा रहा है और अगर ऐसा हुआ तो देश को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।”
अरुण शौरी ने संघीय मोर्चे की जरूरत पर कहा, “अगर यह मोमेंटम (भाजपा सरकार का) नहीं तोड़ा गया तो इसके बाद देश में कांग्रेस समेत कोई अन्य पार्टी नहीं बचेगी।” बातचीत के दौरान अरुण शौरी ने राहुल गांधी के बिहार में महागठबंधन में शामिल होने के फैसले की सराहना की। वहीं, त्रिपुरा में राहुल गांधी के ममता बनर्जी के साथ मिलकर लड़ने से इनकार करने की आलोचना भी की। शौरी ने बताया कि अगर वन-टू-वन फॉर्मूले को अपना लिया जाता है और संघीय मोर्चा बनता है तो विपक्षी पार्टियों को करीब 69 प्रतिशत वोट मिलेंगे, जो मोदी सरकार को मिले 31 प्रतिशत वोटों से कहीं ज्यादा हैं।
ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान अरुण शौरी, यशवन्त सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी सरकार के खिलाफ सभी क्षेत्रीय पार्टियों को एकजुट करने के ममता बनर्जी के प्रयास की प्रशंसा भी की। दिल्ली में हुई इस मुलाकात के दौरान कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं समेत भाजपा की कुछ सहयोगी पार्टियों के नेता भी मौजूद थे। इस मुलाकात के दौरान मीडिया से बात करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि हम देश के लिए उनके संघर्ष में उनके साथ हैं। देश किसी भी पार्टी से बड़ा है। यह सब पार्टी के विरुद्ध नहीं है, बल्कि देश हित में है। हम सब यहां ममता बनर्जी को समर्थन देशहित में देने आए हैं।
वहीं, ममता बनर्जी ने संघीय मोर्चे को लेकर सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि साल 2019 के चुनावों में देश वन-टू-वन का फॉर्मूला चाहता है, जो पार्टी जहां मजबूत है, उसे वहां लड़ना चाहिए। हम चाहते हैं कि कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों की मदद करें। अगर वन-टू-वन की लड़ाई होगी तो भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी।
