कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को राफाल डील के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त तरीके से हमला बोला। राहुल गांधी ने पीएम मोदी को परोक्ष रुप से चोर तक बता दिया। अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है। अरुण जेटली ने कहा कि “सार्वजनिक भाषण कोई लाफ्टर चैलेंज नहीं है कि आप किसी को गले लगा लो, आंख मारो, फिर गलत बयान 10 बार देते रहो। लोकतंत्र में प्रहार होते हैं, लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे।” अरुण जेटली ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि “मुझे लगता है कि वह (राहुल गांधी) किसी तरह बदला लेने के मूड में हैं। मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होगा यदि ये पूरी घटना पूर्वनियोजित होगी तो…। बीती 30 अगस्त को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि थोड़ा इंतजार कीजिए जल्द ही पेरिस से कुछ बम फूटने वाले हैं? और अब जैसा कहा गया था वैसा ही हो रहा है।” बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर हमला बोला था। राहुल गांधी का यह हमला फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस बयान के बाद आया था, जिसमें फ्रांस्वा ओलांद ने खुलासा करते हुए बताया था कि राफाल डील में रिलायंस को पार्टनर बनाने के लिए भारत की तरफ से कहा गया था।

राफाल डील में धांधली के आरोप लगा रही कांग्रेस को जैसे फ्रांस्वा ओलांद के ताजा बयान से नई ऊर्जा मिल गई है। यही वजह रही कि शनिवार को राहुल गांधी ने कहा कि ‘फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भारत के प्रधानमंत्री को ‘चोर’ कह रहे हैं। ऐसे में पीएम को अब अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।’ राहुल ने आगे कहा कि ‘राफाल डील में साझेदार बनाए गए अनिल अंबानी ने अपने जीवन में कभी भी कोई एयरक्राफ्ट नहीं बनाया है। यहां तक कि राफाल डील के कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपनी कंपनी बनायी। एचएएल से यह डील लेकर अनिल अंबानी को दे दी गई, जबकि उन पर 45000 करोड़ रुपए का कर्ज है।’ राहुल गांधी ने आगे कहा कि ‘रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण या वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह डील साइन नहीं की है, बल्कि पीएम मोदी ने यह डील साइन की है और उन्हें अब इस पर जवाब देना चाहिए। देश का चौकीदार एक ‘चोर’ में तब्दील हो चुका है।’

वहीं कई भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी द्वारा पीएम को चोर कहे जाने की कड़ी निंदा की है। भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी को चोर कहे जाने पर उनकी आलोचना की है। राहुल गांधी के आरोपों को नकारते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘यूपीए की सरकार के दौरान सालों की बातचीत के बाद भी रिश्वत के कारण राफाल डील नहीं हो पायी थी।’ रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा कि ‘राफाल डील में रिलायंस और दसाल्ट साल 2012 में ही शामिल हो गईँ थी, जब यूपीए की सरकार थी।’