तथ्यों की जांच के बाद प्रधानमंत्री ने चुनी है टीम: जेटली
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट विस्तार में दागी मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर उन्हें बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनमें से हर व्यक्ति की विश्वसनीयता और उनसे जुड़े तथ्यों की जांच करने के बाद ही अपनी टीम चुनी है। जेटली ने कहा कि यूपीए के विपरीत, राजग सरकार में मंत्री चुनने का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री का होता है। वहीं भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश होकर ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रही है।
रामशंकर कठेरिया के खिलाफ 27 आपराधिक मामले दर्ज होने सहित दूसरे सहयोगी मंत्रियों पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए जेटली ने कहा कि राज्य में भाजपा के हर कार्यकर्ता के खिलाफ अखिलेश यादव सरकार ने आपराधिक मामला दर्ज कराया है। उन्होंने तेदेपा कोटे से बने मंत्री वाइएस चौधरी और भाजपा के नए मंत्री गिरिराज सिंह पर लगे आरोपों को भी खारिज कर दिया। जेटली ने कहा कि उन्होंने जो उदाहरण दिए हैं, वे पूरी तरह आधारहीन हैं। ये मामले राजनीतिक प्रदर्शन के कारण सामने आ रहे हैं। जेटली ने कहा कि तेदेपा प्रतिनिधि चौधरी के पास अपनी कंपनी की गैर निष्पादित संपत्ति है। वे जाने-माने उद्योगपति हैं। उनकी कई में से एक कंपनी को नुकसान हो रहा था। एक खाता मुश्किल में था। बैंक ने इसे पुनर्गठित किया, वे सभी किस्त वापस दे रहे हैं। आज उनका नियमित खाता है।
वहीं भाजपा ने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में दागी मंत्रियों को शामिल किए जाने के कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश होकर ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में दागी या आपराधिक रिकार्ड वाले मंत्री नहीं हैं। कुछ लोगों के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं, वे कांग्रेस या उसके सहयोगी दलों की ओर से राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज कराए गए हैं। इनमें अदालतों में कोई सबूत नहीं पेश किया जा सका है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में दागी मंत्रियों को शामिल किया है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की हताशा इस तरह के झूठे और बेबुनियाद आरोपों के रूप में सामने आ रही है। इनका उद्देश्य मोदी सरकार की छवि खराब करना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास इस तरह के आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि वह जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। भाजपा नेता ने कहा कि इसी वजह से प्रधानमंत्री ने नेताओं के खिलाफ मामलों को फास्ट-ट्रैक अदालत में चलाने की बात कही है।
प्रधानमंत्री ने दागियों को मंत्री बनाया : कांग्रेस
कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उसने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी ने चुनाव प्रचार में संसद से अपराधियों के सफाए की बात कही थी। लेकिन इसके उलट उनके मंत्रिमंडल में और दागी मंत्रियों को शामिल किया गया है। कांग्रेस ने कहा है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल की कवायद खोखली रही। मंत्रियों के कामकाज बदलने में कोई तर्कसंगत सोच नहीं नजर आती है।
प्रधानमंत्री पर अपने चुनावी वायदों को पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए और उनसे इसके लिए माफी मांगने की मांग करते हुए कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने नवनियुक्त मंत्री वाईएस चौधरी के इस्तीफे की मांग की। माकन ने इसके लिए उन बैंक दस्तावेजों का हवाला दिया जिनमें दावा किया गया है कि उनकी कंपनी ने सेंट्रल बैंक आफ इंडिया से लिए गए 317.6 करोड़ रुपए के लोन का भुगतान नहीं किया है।
माकन ने दावा किया कि रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार में दो से तीन विवादास्पद मंत्री शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 66 मंत्रियों में दागी मंत्रियों की संख्या 15-16 तक पहुंच गई है। माकन ने कहा कि क्या आपने उन्हें बकाया कर भुगतान में दोष से बचाने के लिए मंत्री बनाया है। मोदी सरकार को इस पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए और मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एक और मंत्री रामशंकर कठेरिया के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनके खिलाफ 23 मामले दर्ज हैं। माकन ने कहा कि शायद और किसी सांसद का इतना भारी भरकम आपराधिक रिकार्ड नहीं होगा। मोदी सरकार के नए मंत्री गिरिराज सिंह के घर से चोरी के 1.25 करोड़ रुपए जब्त होने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की जनता प्रधानमंत्री से जानना चाहती है कि जिस व्यक्ति के घर से भारी नगदी मिली हो और आयकर विभाग जिस मामले में जांच कर रहा हो, अगर वह दागी नहीं है तो कौन है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मोदी से जानना चाहती है कि उनकी कथनी और करनी में अंतर क्यों है। आप संसद से अपराधियों के सफाए की बात करते हैं। लेकिन दागी मंत्रियों को शामिल करते हैं। माकन के मुताबिक प्रधानमंत्री को दागी लोगों को अपने मंत्रिपरिषद से दूर रखना चाहिए क्योंकि यह उनके अधिकार क्षेत्र की बात है।
कुछ मंत्रियों के प्रभार बदलने पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि इन मंत्रियों के कामकाज बदलने में कोई सोच और तर्क नहीं दिखाई देता। पहले हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री थे, जो डॉक्टर हैं। अब उनकी जगह वकील जेपी नड्डा को यह मंत्रालय दिया गया है। माकन ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को सूचना और प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त कामकाज दिया गया है। प्रधानमंत्री पहले संबंधित विभागों के बीच तालमेल की बात करते थे। वित्त मंत्रालय और सूचना-प्रसारण मंत्रालय में इस बात के अलावा क्या संबंध है कि कुछ उद्योगपतियों ने मीडिया संस्थानों को खरीद लिया है। क्या इसके अलावा कोई तालमेल है? माकन ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री अनेक विभागों को मिलाने की बात करते थे लेकिन आयुष विभाग को स्वास्थ्य मंत्रालय से अलग कर एक नए मंत्री को दे दिया गया है।
कांग्रेस नेता ने हैरानी जताते हुए कहा कि डीवी सदानंद गौड़ा को रेलवे से कानून मंत्रालय में क्यों भेज दिया गया जिसे पहले रविशंकर प्रसाद देख रहे थे। माकन ने कहा कि अगर रेल और स्वास्थ्य मंत्रियों को कामकाज में कमजोर प्रदर्शन या अक्षमता के कारण बदला गया है तो इसका मतलब है कि भाजपा सरकार इतने समय तक विफल रही। गौड़ा की संपत्ति मंत्री बनने के तीन महीने बाद 9.88 करोड़ रुपए से 20.35 करोड़ रुपए होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अगर आपने उन्हें भ्रष्टाचार के कारण हटाया है तो दो और मंत्री हैं जिनकी संपत्ति इस तरह से बढ़ी है। हालांकि उन्होंने उन दो मंत्रियों के नाम नहीं बताए।
जब माकन से पूछा गया कि रविवार को नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के नेता उपस्थित क्यों नहीं थे, तो उन्होंने कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं दिए जाने पर अपनी नाखुशी नहीं छिपाई। उन्होंने कहा कि उस पार्टी से यह सवाल नहीं किया जाना चाहिए, जिसे नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया गया हो। यह शिवसेना और अकाली दल से पूछा जाना चाहिए। जिम्मेदारी सत्तारूढ़ पार्टी की बनती है।