BJP’s favoured face Sajad Lone detained: पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन कुछ वक्त पहले तक जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सरकार के सहयोगी रहे हैं। हालांकि, राज्य को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद किसी संभावित प्रदर्शन से निपटने के तहत हुई कार्रवाई में विभिन्न नेताओं के अलावा लोन को भी हिरासत में लिया गया है। उनकी पत्नी असमा खान लोन ने कहा कि वह आगे की रणनीति के मद्देनजर कुछ कड़े फैसले ले सकते हैं।
पत्नी ने कहा कि सरकार के फैसले का स्थानीय जनता की चेतना पर बड़ा प्रभाव पड़ा है और उनके पति हालात को देखते हुए कोई फैसला लेंगे। बता दें कि सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन की 2002 में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। नवंबर 2014 में लोन ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने मोदी को ‘बड़ा भाई’ बताया था। वहीं, विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में बीजेपी के कोटे से मंत्री बनाया गया था।
बीते साल हुए निकाय चुनावों का नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने बहिष्कार किया था। इसके बाद, स्थानीय स्तर पर पंचायत चुनाव आदि करवाने में लोन ने अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, लोन ने जम्मू-कश्मीर का दर्जा बदलने से जुड़े मोदी सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया था। वह सरकार के फैसले से पहले श्रीनगर में हुए ‘ऑल पार्टी मीटिंग’ में नजर आए थे।
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पत्नी ने बताया कि उनकी सज्जाद लोन से आखिरी बार बात 4 अगस्त को हुई थी। उन्होंने बताया, ‘वह बहुत तनाव में थे।’ पत्नी के मुताबिक, सज्जाद ने बड़ा खतरा उठाते हुए मुख्यधारा की राजनीति से जुड़ने का फैसला किया। पत्नी के मुताबिक, सज्जाद को ऐसा लगता था कि इससे उन्हें बदलाव करने, अपना योगदान देने ओर जमीनी स्तर पर लोगों को मजबूत करने का मौका मिलेगा। असमा ने कहा कि अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान सज्जाद ने अपनी पूरी क्षमता से काम किया।
असमा के मुताबिक, वह कभी भी सज्जाद के राजनीतिक फैसलों का हिस्सा नहीं रहीं लेकिन उसका सबसे ज्यादा असर उन पर ही पड़ा। यह रास्ता चुनौतियों से भरा हुआ था, जिसमें सबसे बड़ी मुश्किल अपने छोटे बच्चों की हिफाजत है। उन्होंने बताया कि स्कूल से लौटने के बाद उनके छोटे बच्चे अपने पिता के बारे में पूछते हैं। वे पूछते हैं कि उन्हें ठीक से खाना मिल रहा है कि नहीं?