Article 370: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता और घाटी के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक के समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग को लेकर तख्तियां लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। समर्थकों ने शुक्रवार को श्रीनगर की जामिया मस्जिद के सामने प्रदर्शन किया। यह विरोध-प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर में चार साल से नजरबंद हुर्रियत चेयरमैन की रिहाई की मांग को लेकर किया गया। बता दें, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए चार साल पूरे हो चुके हैं।

महिला प्रदर्शनकारियों ने मीरवाइज के समर्थन में नारे लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और मीरवाइज की रिहाई में मदद करने की अपील की। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘खाली मंच देखकर हमें दुख होता है। अगर सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है और जी-20, अमरनाथ यात्रा और शिया जुलूस जैसे कार्यक्रम संभव हैं, तो मीरवाइज की रिहाई क्यों नहीं?’

श्रीनगर में ऐतिहासिक मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद के अनुसार, मीरवाइज को शुक्रवार को नजरबंद हुए चार साल पूरे हो गए। औकाफ के एक प्रवक्ता ने कहा, उन्हें न तो शुक्रवार को मजलिस-ए-वाज़-ओ-तबलीग की सदियों पुरानी परंपरा के माध्यम से इस्लामी शिक्षाओं का प्रचार करने की अनुमति है और न ही शुक्रवार की नमाज अदा करने की अनुमति है।’

प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुसलमान उनकी लगातार हिरासत की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि अन्य सभी धार्मिक गतिविधियों की अनुमति है। अधिकारियों द्वारा सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। उन्होंने कहा कि जबकि मीरवाइज को जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम प्रमुख के रूप में उनके कर्तव्यों से रोक दिया गया है, जो खुलेतौर पर भेदभावपूर्ण रवैया है।

बता दें, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक के पिता मीरवाइज मोहम्मद फारूक की 21 मई 1990 को हत्या कर दी गई थी। मीरवाइज मोहम्मद फारूक ऑल जम्मू एंड कश्मीर अवामी ऐक्शन कमेटी के अध्यक्ष थे।