Article 35A Hearing News in Hindi, Jammu and Kashmir Article Section 35a of indian constitution News :सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 अगस्त) को संविधान के अनुच्छेद 35 ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई टाल दी गई। फिलहाल दो सप्ताह के लिए सुनवाई को टाला गया है। 14 मई, 1954 को लागू हुआ यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर की विधायिका को राज्य के स्थायी निवासियों और उनके विशेषाधिकारों को परिभाषित करने का अधिकार देता है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को राज्य में कोई अचल संपत्ति हासिल करने से रोकने का संवैधानिक प्रावधान है।
अलगाववादियों द्वारा कश्मीर में आहूत बंद के दूसरे दिन भी घाटी में जनजीवन प्रभावित है। अलगाववादी धड़े संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने अनुच्छेद 35ए के समर्थन में बंद का आह्रान किया है। घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में दुकानें, बाजार, सार्वजनिक वाहन और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान व शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। छिटपुट निजी वाहनों को ही श्रीनगर और घाटी के अन्य जगहों में सड़कों पर देखा जा रहा है। प्रशासन वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक को नजरबंद रखा गया है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए हैं।
प्रशासन ने इस बंद की वजह से जम्मू से श्रीनगर के लिए अमरनाथ यात्रा दूसरे दिन भी रोक दी। हालांकि कश्मीर घाटी में बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों तक पहुंचे तीर्थयात्री अपनी यात्रा जारी रखेंगे। घाटी और जम्मू के बनिहाल कस्बे के बीच रेल सेवाएं दूसरे दिन भी बाधित हैं। श्रीनगर और अन्य संवेदनशील इलाकों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि सभी राजनैतिक पार्टियों अनुच्छेद 35 ए खत्म किए जाने के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''जैसा मैंने पहले ही कहा है कि कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ के पूरे देश पर गंभीर परिणाम होंगे। मेरे पिता, मुफ्ती मोहम्मद सईद को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे में गर्व महसूस करते थे। वह अक्सर कहते थे कि राज्य के लोगों ने बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए कई कुर्बानियां दी हैं, मगर हमें उन चीजों को सुरक्षित रखने की जरूरत है जो पहले से हमारे पास है।''
अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है। अलगाववादियों ने घाटी में बंद का आह्वान अनुच्छेद 35-ए को समर्थन देने के लिए किया है, जो राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करता है। उधमपुर और रामबन में विशेष जांच चौकियां स्थापित की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्रियों का जत्था जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं पहुंचे जो इन दोनों जिलों से गुजरता है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में मौजूद यात्री यात्रा को जारी रखेंगे।
माकपा की जम्मू कश्मीर इकाई ने अनुच्छेद 35 ए के मुद्दे पर सरकार को आगाह किया और केंद्र से आग्रह किया कि वह ‘‘व्यापक राष्ट्रीय हित’’ में संवैधानिक प्रावधान की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय में जवाबी हलफनामा दायर करे। माकपा के क्षेत्रीय सचिव शाम प्रसाद केसर ने एक बयान में कहा कि अनुच्छेद 35 ए से छेड़छाड़ के किसी भी प्रयास के घातक परिणाम होंगे। केंद्र को व्यापक राष्ट्रीय हित में इस प्रावधान की रक्षा के लिए जवाबी हलफनामा दायर करना चाहिए।
कश्मीरी आईएएस शाह फैसल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं अनुच्छेद 35 ए की तुलना निकाहनामा से करूंगा। आप इसे समाप्त करते हैं तो रिश्ता खत्म हो जाएगा। उसके बाद चर्चा के लिये कुछ भी नहीं बचेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दे पर भ्रमित नहीं हों। भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती नहीं दी जा सकती है। बिल्कुल नहीं। हालांकि, संविधान में जम्मू कश्मीर राज्य के लिये कुछ विशेष प्रावधान रखे गए हैं। यह अनोखी व्यवस्था है। यह भारत की अखंडता के लिये कोई खतरा नहीं है।’’
उच्चतम न्यायालय में संविधान के अनुच्छेद 35-ए की वैधता कानूनी चुनौती के खिलाफ कश्मीर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। व्यावसायिक संगठनों ने अनुच्छेद 35-ए के समर्थन में लाल चौक में घंटा घर पर धरना दिया और विरोध मार्च निकाला। अधिकारियों ने कहा कि शहर के जादीबल, करफली मोहल्ला, रैनावाड़ी, अनचार, डलगेट, रामबाग, खानयार और परीमपोरा में ऐसी ही रैलियां निकाली गईं। उन्होंने कहा कि घाटी के अन्य जिलों और शहरों में कई स्थानों पर शांतिपूर्ण रैलियां आयोजित की गईं। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि घाटी में कुछ स्थानों पर मामूली पथराव की घटनाएं भी हुईं। सुरक्षाबलों ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए अराजक तत्वों को खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि संक्षिप्त झड़पों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।