दिल्ली में रेखा सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर आरोग्य मंदिर शुरू किए थे, 2026 तक पूरी राजधानी को बेहतर स्वास्थ्य की गारंटी थी। लेकिन अब वहीं आरोग्य मंदिर खुद कई बीमारियों से जूझ रहे हैं, जमीन की दिक्कत है, फंडिंग की चुनौती है और NOC भी नहीं मिल पा रही हैं।

आरोग्य मंदिर के सामने सबसे बड़ी चुनौती

इंडियन एक्सप्रेस ने जब जमीन पर जा पड़ताल की तो पता चला कि कई आरोग्य मंदिर उसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जिस तरह की चुनौतियां किसी जमाने में मोहल्ला क्लीनिक के सामने आ रही थीं। सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि कई आरोग्य मंदिरों को अभी तक नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिले हैं। जमीनों का चयन तो हो गया था, लेकिन वहां पर क्लीनिक नहीं बन पाए हैं।

कितने आरोग्य मंदिर खुलने थे?

आंकड़े बताते हैं कि रेखा सरकार ने कुल 925 स्थानों का चयन किया था, इन जगहों में एमसीडी, दिल्ली जल बोर्ड, डीडीए तक की जमीनें शामिल थीं। लेकिन जैसा प्लान रेखा सरकार ने बनाया था, उसके मुताबिक अब तक काम नहीं हो पाया है। 925 में से मात्र 224 जगहों को ही एनओसी मिल पाया है। वहीं 110 लोकेशन को अब आरोग्य मंदिर के लिए ठीक नहीं माना गया है।

NOC ना मिलना आरोग्य मंदिर की सबसे बड़ी चुनौती

अब समझने वाली बात यह भी है कि जब आरोग्य मंदिरों के लिए जमीन तलाशी जा रही थी, तब सबसे ज्यादा जिम्मेदारी एमसीडी के पास थी, उसकी 429 जमीनों का चयन हुआ था, लेकिन अब वहां भी मात्र 98 स्थानों को ही एनओसी मिल पाई है, 162 जगहों को एनओसी नहीं मिली है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि कितनी जगहों का चयन हुआ, कितनों को एनओसी मिला, इन आंकड़ों में ही काफी अंतर है। इसके अलावा जमीन को लेकर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारी आरोग्य मंदिर पर क्या बता रहे?

इसके अलावा अधिकारी इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि फंडिंग को लेकर भी कई दिक्कतें आ रही हैं। असल में कई जगहों पर अगर आरोग्य मंदिर में किसी स्थान को अपग्रेड करना है तो 25 लाख रुपये का खर्च आएगा। अब इतना पैसा लगाना ही कई विभागों के लिए चुनौती बन रहा है। कई विभाग इस अपग्रेडशन के काम से बच रहे हैं, इस वजह से आरोग्य मंदिर स्थापित नहीं हो पा रहे।

अब पुरानी जगहों पर तो आरोग्य मंदिर नहीं बन पा रहे, लेकिन बताया जा रहा है कि 334 नई जगहों का चयन जरूर हुआ है, यहां भी 133 तो एमसीडी के अंदर आ रही हैं, 104 दिल्ली अर्बन शेल्ट इमप्रूवमेंट बोर्ड की हैं, 31 डीडीए की हैं। अभी तक दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने आरोग्य मंदिर की इन चुनौतियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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Gayathri Mani और Ankita Upadhyay की रिपोर्ट