पुणे के खादकी छावनी में 10 नवंबर 1959 को पैदा हुए अजय बंगा सैनी सिख परिवार से आते हैं। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हरभजन सिंह बंगा मूलत: पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं। अजय बंगा की स्कूली शिक्षा सिकंदराबाद, जालंधर, दिल्ली, अहमदाबाद और शिमला के अलग-अलग स्कूलों में हुई। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कालेज से अर्थशास्त्र में स्रातक की डिग्री ली और बाद में आइआइएम अहमदाबाद से पीजीपी (प्रबंधन) किया। बंगा को 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
भारतीय मूल के अमेरिकी कारोबारी और मास्टरकार्ड के पूर्व प्रमुख अजय बंगा को विश्व बैंक के प्रमुख के पद के लिए मनोनीत किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनके मनोनयन का एलान किया है। अब विश्व बैंक के बोर्ड द्वारा अध्यक्ष पर उनकी नियुक्ति की मंजूरी औपचारिकता रह गई है। अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत नाम पर ही विश्व बैंक का बोर्ड मुहर लगाता रहा है।
अजय बंगा मास्टरकार्ड में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। उनके पास करीब 30 साल का अनुभव है। वे अमेरिकन रेड क्रास, क्राफ्ट फूड्स और डाउ इंक के बोर्ड में भी सेवाएं दे चुके हैं। जब वह मास्टरकार्ड में चीफ आपरेटिंग आफिसर थे, तब उनकी रोजाना कमाई 52.60 लाख रुपए थी। बंगा पिछले साल मास्टरकार्ड से रिटायर हुए थे। वर्तमान में वह दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म में से एक जनरल अटलांटिक के वाइस-चेयरमैन हैं।
एक रपट के मुताबिक, 14 जुलाई 2021 तक अजय बंगा की अनुमानित संपत्ति करीब 206 मिलियन डालर (करीब 1700 करोड़) थी। अजय बंगा के पास 113,123,489 डालर से अधिक मूल्य के मास्टरकार्ड स्टाक थे। जो बाइडेन द्वारा बंगा को विश्व बैंक के शीर्ष पद के लिए नामित किए जाने की घोषणा के बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक बयान में कहा कि अजय बंगा विश्व बैंक के परिवर्तनकारी अध्यक्ष साबित होंगे।
बंगा दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और सिख-अमेरिकी होंगे। विश्व बैंक के अब तक 13 अध्यक्ष हुए हैं और सभी अमेरिकी नागरिक ही रहे हैं। इसमें एकमात्र अपवाद बल्गेरियाई नागरिक क्रिस्टालिना जार्जीवा थे।
ग्लोबल इकोनामी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका विश्व बैंक में सबसे बड़ा शेयरधारक है। उसके पास बैंक की सबसे अधिक 16.35 फीसद हिस्सेदारी और 15 फीसद से अधिक मत हैं। अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है, जिसके पास बैंक की संरचना में कुछ परिवर्तनों पर वीटो पावर है।