भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी मंगलवार को अपनी पत्नी के साथ चित्रकूट पहुंचे। यहां उन्होंने तुलसी पीठ स्थित कांच मंदिर में जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात की और आध्यात्मिक चर्चा में भाग लिया। चर्चा के दौरान जगद्गुरु ने उन्हें “राम मंत्र” की दीक्षा दी। उन्होंने कहा कि यह वही मंत्र है जो माता सीता ने हनुमान जी को दिया था, जिसकी शक्ति से उन्होंने लंका पर विजय पाई थी। इस मौके पर रामभद्राचार्य ने मुस्कराते हुए मज़ाकिया लहज़े में कहा, “मैंने जनरल साहब से दक्षिणा में पीओके मांगा है।” यह सुनकर वहां मौजूद लोग हँस पड़े।

इस मुलाकात के बाद सेना प्रमुख ने सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय का दौरा किया और वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्हें पद्मश्री डॉ. बीके जैन द्वारा सम्मानित भी किया गया। जनरल द्विवेदी का यह चित्रकूट दौरा सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है, खासकर जगद्गुरु के बयान को लेकर।

आतंक के खिलाफ प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी

आतंकियों के खिलाफ हाल ही में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर वह आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ेगा, तो उसे और बुरे नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने जिस सूझबूझ और शौर्य के साथ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, वह एक बड़ी मिसाल है।

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उसके बाद पाकिस्तान के हुक्मरान भी सोचने पर विवश हुए कि आतंकवाद को पोसने का इतना बड़ा खमियाजा देश को उठाना पड़ा है। मगर चूंकि वहां की सेना और खुफिया एजंसी आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती रही हैं, इसलिए वे अब भी अपने रास्ते में बदलाव को तैयार नहीं दिख रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात को जोर देकर रेखांकित किया कि पाकिस्तान का एकमात्र मकसद भारत से नफरत करना और इसे नुकसान पहुंचाने के तरीके सोचना है, जबकि हमारे देश ने गरीबी खत्म करने और आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री के इस बयान पर पाकिस्तान की तिलमिलाहट स्वाभाविक है। तुरंत इसके जवाब में उसने प्रतिक्रिया दी कि भारतीय प्रधानमंत्री के इस बयान से इस क्षेत्र में अशांति का खतरा पैदा हो गया है, जबकि पाकिस्तान अमन चाहता है।