आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना पर दिए उनके बयान के लिए राहुल गांधी को नसीहत दी है। राहुल को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीते दिनों दावा किया था कि चीफ ऑफ आर्मी ने ये कहा कि लद्दाख सेक्टर में घुसपैठ हुई थी, इसी पर सेनाध्यक्ष ने उन्हें जवाब दिया। इससे पहले राहुल के बयान का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी खंडन किया था।

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-चीन सीमा विवाद के साथ-साथ देश के भीतर सेना को लेकर हो रही राजनीति पर बयान दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में सेना प्रमुख ने कहा कि हमने चीन के साथ बातचीत के रास्ते को आगे बढ़ाया है। जनरल द्विवेदी ने कहा, “मुझे लगता है कि राजनीतिक जवाब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दे दिया है और रक्षा मंत्रालय ने इसका विवरण दिया है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि मुझे यह प्रयास करना चाहिए कि सेना को राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।

आर्मी चीफ ने कहा कि भारत-चीन के बीच बातचीत से सभी संदेह दूर होंगे

आर्मी चीफ ने कहा, “भारत-चीन के बीच बातचीत से सभी संदेह दूर होंगे। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच किसी तरह का कोई कंफ्यूजन न रहे, इसके लिए हमने कोर कमांडर्स को पावर दी है कि वे अपने लेवल तक इस पर फैसला ले सकें। उन्हें इसके लिए किसी भी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं है। पहले सीमा पार से हमें कहा जाता था कि साथी आपका हुक्म तो दिल्ली से आएगा, हम तो यहीं से फायर कर देंगे।”

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LAC पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “समय के साथ हम आगे बढ़े हैं और चीन भी। जब आपके पास अधिक सैनिक होते हैं तो आपको उनके लिए क्वार्टर अलॉट करना होता है। उनके लिए ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत होती है, सड़क और ट्रैक की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि हम किसी विवादित क्षेत्र में आ गए हैं। हम जहां भी हैं, हमने खुद को मुखर और सहज बना लिया है। अगर यह सब मामला है तो इलाके डॉक्टर्ड होंगे क्योंकि आपको सड़कें बनानी होंगी, क्वार्टर बनाने होंगे। यह दोनों पक्षों द्वारा किया गया है।”

भारत हमेशा पहले बातचीत का रास्ता खोजता है- जनरल उपेंद्र द्विवेदी

आर्मी चीफ ने हथियारों की बिक्री को लेकर कहा, “हमारे यहां अब विदेशों से हथियार भेजे जा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो पा रहा है क्योंकि अब हथियार बनाने वाली कंपनियों को आसानी से लाइसेंस मिल रहा है और उन्हें छूट भी मिल रही है। भारत हमेशा पहले बातचीत का रास्ता खोजता है लेकिन जब जरूरी होगा तो हम जंग से भी पीछे नहीं हटेंगे।” पढ़ें- दिल्ली सीएम के शपथ ग्रहण से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स