हाल ही में शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद ने अपने एक बयान में सरकार से अल्पसंख्यकों को मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ हथियारों का लाइसेंस देने की वकालत की थी। अब इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल कांग्रेस ने मुस्लिमों और दलितों को मॉब लिंचिंग की घटनाओं से बचने के लिए हथियारों के लाइसेंस देने का समर्थन किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया ने अपने एक बयान में कहा है कि ‘दुर्बल वर्ग के लोगों को मजबूती मिले और आत्मविश्वास मिले, इसके लिए उन्हें शस्त्र लाइसेंस दिए जाएं और दिए जाते रहे हैं। हमें समाज से गैर-बराबरी को खत्म करना होगा।’
हालांकि अल्पसंख्यकों और दलितों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने के बयान का अयोध्या के संत समाज ने कड़ा विरोध किया है। संत समाज ने इसे देश-विरोध मानसिकता करार दिया है और कहा है कि किसी एक व्यक्ति की गलती से पूरे देश में अराजकता का माहौल पैदा करना देश विरोधी है। न्यूज 18 की एक खबर के अनुसार, तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास का इस मुद्दे पर कहना है कि “मॉब लिंचिंग की घटना पर दोषी को फांसी की सजा होनी चाहिए, ताकि एक कड़ा संदेश समाज में जाए। उन्होंने कहा कि गोधरा के बाद किसी भी हिंदू संगठन ने नहीं कहा कि सभी हिंदू हथियार रखें, क्योंकि देश में अखंडता और एकता की जरुरत है, कुछ लोग हिंदुस्तान का माहौल खराब करना चाहते हैं।”
महंत परमहंस दास ने कहा कि ‘इस तरह का बयान देने वाले देश को संघर्ष की आग में जलाना चाहते हैं। कुछ लोगों की गलती की वजह से सभी को दोषी नहीं कहा जा सकता। देश को फिर बांटने की तैयारी की जा रही है। इसे कामयाब नहीं होने देंगे।’
#MuslimDalitMilitia | Congress backs Muslim Lawyer Mahmud Paracha’s controversial statement of arms license for self defense. Listen in. pic.twitter.com/67QmPp8JBX
— TIMES NOW (@TimesNow) July 22, 2019
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद से मुलाकात की। इसके बाद दोनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एससी/एसटी और अल्पसंख्यकों को हथियार खरीदने के लिए लाइसेंस देने की वकालत की। इसके लिए बाकायदा लखनऊ में 26 जुलाई को एक कैंप भी लगाया जाएगा, जिसमें लोगों को हथियार खरीदने के तरीके के बारे में जानकारी दी जाएगी। हालांकि मौलान कल्बे जव्वाद ने सफाई दी है कि 26 तारीख को जो कैंप लगेगा उसमें लोगों के हथियार चलाने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी।
