बुधवार को सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया। उन्होंने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर CCEA के फैसले की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में 17 फसलों और 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई है। हालांकि इस दौरान दिलचस्प यह भी रहा कि किसानों से जुड़े मामलों की घोषणा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद नहीं थे।

दरअसल आम तौर पर जब किसी मंत्रालय से संबंधित किसी बड़े फैसले की घोषणा की जाती है तो उससे संबंधित प्रभारी मंत्री की मौजूदगी होती है। लेकिन जब बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकर ने एमएसपी की घोषणा की तो न ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे और न ही केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और कैलाश चौधरी मौजूद रहे।

जानकारी के मुताबिक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने ऑफिस में मीटिंग में व्यस्त थे। अनुराग ठाकुर के साथ मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन ब्रीफिंग के दौरान मौजूद थे। एमएसपी बढ़ाने का फैसला किसानों के हित में माना जा रहा है, ऐसे में इस बड़ी घोषणा के दौरान कृषि मंत्री का ही मौजूद न होना, चौंकाने वाला है।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एमएसपी को लेकर जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने बुधवार को वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न खरीफ (गर्मी) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 100 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने धान के MSP को 100 रुपए बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 फसल वर्ष के लिए खरीफ फसलों का एमएसपी भी बढ़ाया जाएगा।

खरीफ के फसलों पर एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा पहुंचेगा। MSP में उच्चतम पूर्ण बढ़ोतरी की सिफारिश पिछले साल की तुलना में तिल- 523 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग – 480 रुपए प्रति क्विंटल और सूरजमुखी के बीज – 385 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। इसके अलावा धान की ए ग्रेड का सर्मथन मुल्‍य 1,960 रुपए से बढ़ाकर 2,060 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस बार खरीफ की सभी 14 फसलों और उनकी वैरायटीज के साथ 17 फसलों के एमएसपी में वृद्धि की गई है। कीमतों में बढ़ोतरी से किसान और अधिक फसलों का उत्‍पादन करेंगे और उन्‍हें एक अपने फसलों की अच्‍छी कीमत मिलेगी। इसक कारण देश में उत्‍पादन के साथ निर्यात भी बढ़ सकता है।