कारोबारी मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक मिलने के मामले में और कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुंबई के फायर ब्रांड पुलिस अफसर रहे प्रदीप शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। प्रदीप शर्मा को इस मामले में जून 2021 में गिरफ्तार किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने ये फैसला किया। प्रदीप शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकल रोहतगी व एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 21 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि प्रदीप शर्मा लंबे अरसे से जेल में बंद है। ऐसे में उसे और ज्यादा जेल में रखने से कुछ हासिल नहीं होगा। एनआईए इस दौरान जो कुछ उससे जानना चाहती थी वो जान चुकी होगी। लिहाजा उसे जमानत पर रिहा करने में कोई परेशानी नहीं है।

2021 में अंबानी के घर के पास पाया गया था विस्फोटक से भरा एक वाहन

अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास 25 फरवरी 2021 को विस्फोटक से भरा एक वाहन पाया गया था। यह वाहन कारोबारी मनसुख हिरन का था। लेकिन मामला उस समय उलझ गया जब हिरन पांच मार्च 2021 में ठाणे में मृत पाया गया था। एंटीलिया के पास विस्फोटक से लदा वाहन मिलने तथा हिरन की मौत के मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे मुख्य आरोपी है। इस मामले में पुलिस ने सचिन वाजे को सबसे पहले अरेस्ट किया था। उसके बाद जांच आगे बढ़ी तो प्रदीप शर्मा भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसके बाद से ही वो मुंबई की जेल में बंद था।

प्रदीप शर्मा बेहद चर्चित पुलिस अधिकारी रहा है। वो दया नायक, विजय सालस्कर और रवींद्रनाथ आंग्रे के साथ मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्कवायड का सदस्य था। स्कवायड ने मुठभेड़ों में 300 से अधिक अपराधियों को ढेर किया था। सालस्कर 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले में मारे गए थे।