Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की कोरगोटालू पहाड़ियों पर नक्सल विरोधी अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक श्वान की मुधमक्खियों के हमले में मौत हो गई। सुरक्षा बल के इस खोजी कुत्ते पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया और उसे करीब 200 बार डंक मारे। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मरने वाला श्वान मादा थी और उसका नाम ‘रोलो’ था। उन्होंने PTI भाषा को बताया कि 11 मई को समाप्त हुए 21 दिनों के इस मेगा अभियान के दौरान रोलो को विस्फोटकों और परिष्कृत विस्फोटक उपकरणों का पता लगाने का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को अभियान के दौरान रोलो की मौत हो गई।

सीआरपीएफ के महानिदेशक ने उसे मरणोपरांत प्रशस्ति पदक से सम्मानित किया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और छत्तीसगढ़ पुलिस इकाइयों के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने 31 माओवादियों को मार गिराने का दावा किया है, जो नक्सलियों के सशस्त्र कैडरों के लिए एक ‘बड़ा झटका’ है।

इस अभियान में कुल 18 जवान घायल हुए, जिनमें से कुछ के पैर विस्फोट की चोटों के कारण काटने पड़े, जिसे सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ज्वाइंट ऑपरेशन बताया। कोरगोटालू पहाड़ियां छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा (दोनों राज्यों के क्रमशः बीजापुर और मुलुगु जिले) पर स्थित हैं। इन पहाड़ियों पर जल स्रोत और प्राकृतिक गुफाएं भी हैं।

इनके अलावा वहां भालू, विभिन्न प्रकार के कीड़े मकौड़ों, मधुमक्खियों समेत अन्य जंगली जानवर भी रहते हैं। घने जंगलों में नक्सली अपने छिपने का मुख्य ठिकाना बनाते हैं। CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 27 अप्रैल को रोलो नामक बेल्जियन शेफर्ड श्वान तलाशी अभियान में जुटी थी, तभी अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। रोलो के संचालकों ने उसे पॉलीथीन शीट से ढक दिया, लेकिन मधुमक्खियां अंदर घुस गईं और उन्होंने उसे काट लिया।

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अधिकारियों ने बताया कि तेज दर्द और जलन के कारण रोलो पागल हो गई और कवर से बाहर आ गई, जिससे उसे और अधिक डंक लगे। उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों ने रोलो को करीब 200 बार डंक मारे, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। उसे मौके से निकाला गया और संचालकों ने उसका आपातकालीन ट्रीटमेंट किया। हालांकि, 27 अप्रैल को चिकित्सा सुविधा के लिए ले जाते समय रोलो की दर्द के कारण मौत हो गई। सुरक्षा बल के पशु चिकित्सकों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया।

इस श्वान को कर्नाटक में बेंगलुरु के पास तरालू में सीआरपीएफ के श्वान प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित करने के बाद पिछले वर्ष अप्रैल में छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया था।

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