उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थिति उस वक्त तनावपूर्ण हो गई, जब पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जारी धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को जबरन हटाने की कोशिश की। फिलहाल स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। बता दें कि कानपुर के चाननगंज इलाके के मोहम्मद अली पार्क में धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को सुबह 3 बजे के करीब पुलिस ने जबरन धरना स्थल से हटाने की कोशिश की।

धरना स्थल पर प्रदर्शनकारी बीते 21 दिनों से डटे हैं। पुलिस का कहना है कि शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने मांग की थी कि यदि जिला प्रशासन उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस ले लेता है तो वो अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर देंगे।

इस पर जिला प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने का वादा किया था। हालांकि इसके बावजूद प्रदर्शनकारी धरना स्थल से हटने के लिए तैयार नहीं हुए।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, धरना स्थल पर मौजूद सैकड़ों लोगों में से तीन दर्जन लोग ही धरना स्थल छोड़कर गए और बाकी वहीं जमे रहे। हिन्दुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सुबह करीब 3 बजे पुलिस ने जबरन प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से हटाने की कोशिश की।

पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर गए हैं। वहीं बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं के सड़क पर आ जाने से विवाद की स्थिति बन गई है। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि लोग धरने की बात पर अड़े हैं। स्थिति को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स बुला ली गई है।

बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की शुरूआत हुई थी। जिसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने सीएए के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

बीती 21 दिसंबर को सीएए के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे। खासकर उत्तर प्रदर्शन में इन हिंसक प्रदर्शन के दौरान 20 के करीब लोग मारे गए थे और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की थी।