भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने विदेश में जमा कालाधन वापस लाने में ‘नाकाम’ रहने को लेकर बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग इस सरकार को ‘धोखाधड़ी’ के लिए सबक सिखाएंगे।
हजारे ने अपने पुराने साथियों अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के बारे में बात करने से इनकार कर दिया। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के नेता हैं तो बेदी हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं। केजरीवाल और बेदी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
हजारे ने बुधवार को एक निजी चैनल से कहा, ‘लोगों के साथ जो धोखाधड़ी हुई है उससे वे उन्हें (भाजपा नीत सरकार को)उसी तरह का सबक सिखाएंगे जो उन्होंने कांग्रेस को सिखाया था।
साल 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद जनता जाग गई।’ केजरीवाल और बेदी के बारे में उनका विचार पूछे जाने पर हजारे ने कहा कि वह राजनीति के बारे में बातचीत नहीं करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इन दोनों के राजनीति में जाने से नाराज हैं तो हजारे ने कहा,‘नहीं। नाराज होने का सवाल तब उठता है जब आपके पास ऐसी अकांक्षाएं हैं जो पूरी नहीं हो सकती। मुझे किसी से कोई अकांक्षा नहीं है तो ऐसे में नाराजगी का सवाल कहां उठता है।’