कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को लेकर टिप्पणी की थी। अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि अगर सब काम भगवान करेंगे तो जज की कुर्सी की क्या जरूरत है। अब इस पर नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अधर्म के ठेकेदार अब धर्म की आड़ में नफरत और हिंसा का कारोबार कर रहे हैं।
चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “देश का सर्वोच्च न्यायिक पद जिसे सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नहीं बल्कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) कहा जाता है। ऐसे सम्मानित पद पर आसीन CJI न्यायमूर्ति बी. आर. गवई साहब के खिलाफ अनिरुद्ध राम तिवारी उर्फ अनिरुद्धाचार्य का बयान “तुम्हें अगर अपनी छाती फड़वानी है” उसकी जातिवादी और घटिया सोच का परिचायक है।”
यह न्यायपालिका पर हमला- चंद्रशेखर आजाद
भीम आर्मी चीफ ने आगे कहा, “भारत के मुख्य न्यायाधीश को खुलेआम इस तरह की धमकी संविधान और न्यायपालिका पर हमला है। यह बयान बताता है कि अधर्म के ठेकेदार अब धर्म की आड़ में नफरत और हिंसा का कारोबार कर रहे हैं। परम पूज्य बाबा साहेब ने चेताया था कि “अगर अंधविश्वास को बढ़ावा दिया गया, तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। आज वही सच साबित हो रहा है, जहां तथाकथित बाबा खुद को संविधान से ऊपर साबित करना चाहते हैं।” उन्होंने पीएमओ और यूपी सरकार से मांग की है कि इस तरह की ज़हर फैलाने वाली, जातिवादी मानसिकता से ग्रसित घृणित बयानबाजी पर तुरंत कार्रवाई हो और संविधान विरोधी भाषा बोलने वालों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए।
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अनिरुद्धाचार्य ने क्या टिप्पणी की?
एक कथा के दौरान अनिरुद्धाचार्य ने भारत के प्रधान न्यायाधीश के संदर्भ में बिना नाम लिए कहा, “अभी हमारे भारत में एक मंदिर का केस लेकर के एक जज के पास एक व्यक्ति गया। कहा भाई मुगलों ने हमारे इस मंदिर को तोड़ दिया है, ये विष्णु भगवान का मंदिर था और भगवान विष्णु की गर्दन तोड़ दी गई है। तो याचिकाकर्ता ने कहा कि जज साहब यहां हमारा मंदिर बनाना चाहिए, क्योंकि मंदिर के अवशेष हैं। केवल सिर काटा गया है, बाकी प्रमाण है कि ये मंदिर है। मंदिर भी बना है, कुछ जीर्ण है तो आप यहां मूर्ति प्रतिष्ठा करने की इजाजत दो कि विष्णु भगवान का मंदिर है तो विष्णु भगवान ही यहां पर बैठेंगे। प्रतिष्ठित होंगे, तो एक जज ने कहा कि हम क्यों निर्णय दें?”
अनिरुद्धाचार्य ने आगे कहा, “एक जज ने कहा कि हम क्यों निर्णय दें। तुम्हारे भगवान में इतनी ताकत है तो तु्म्हारे भगवान खुद कर लें। तो वो जज साहब से यह सवाल करना है और कहीं मिले तो पूछना कि अगर सब काम भगवान ही करेंगे तो तुम काहे जज की कुर्सी तोड़ रहे हो। तुम्हे जज बनाया गया है इसलिए ना कि तुम न्याय करो और न्याय करना चाहिए। अब आप हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हुए क्या कहते हैं कि तुम्हारे भगवान में शक्ति है तो खुद बना लो मंदिर। वो तो सब कुछ कर सकते हैं। वो तो प्रकट होकर रावण को भी मार सकते हैं। अगर तुम्हें अपनी छाती फड़वानी है तो बताओ।”
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