कर्नाटक के घने जंगल में एक रूसी महिला मिली अपनी दो बेटियों के साथ गुफा में रह रही थी। रविवार को उसने अपनी दोस्त को एक इमोशनल मैसेज भेजा। इसमें उन्होंने कहा कि जंगल में उनका जीवन बिखर गया है। पुलिस ने कुटीना को शहर लौटने के लिए राजी कर लिया। पुलिस ने कहा कि वह जिस इलाके में रहती थी, वहां पर लैंडस्लाइड का खतरा बहुत ज्यादा था और वहां जहरीले सांप भी थे। अधिकारियों ने महिला और नाबालिग बच्चों को डिपोर्ट करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp पर अपनी दोस्त और एक पुलिस अधिकारी को भेजे गए इमोशनल मैसेज में कुटीना ने रूसी भाषा में लिखा कि गुफा में उनका जीवन खत्म हो गया है। मैसेज में लिखा, ‘और हमें बिना आसमान, बिना घास, बिना झरने वाली एक जेल में डाल दिया गया था, जहां बर्फीले सख्त फर्श पर अब हम बारिश और सांपों से सुरक्षा के लिए सोते हैं। मैं आपके साथ जंगल में, खुले आसमान के नीचे, प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए, कई सालों के वास्तविक अनुभव पर आधारित ज्ञान शेयर करना चाहती हूं। हमारे पूरे जीवन में एक बार भी किसी सांप ने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया। एक भी जानवर ने हम पर हमला नहीं किया। कई सालों तक, हम बस इंसानों से डरते थे।’
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कुटीना ने लिखा इमोशनल पोस्ट
जंगल में अपनी जिंदगी के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होने कहा, ‘मैं घर की दीवार से बारिश के पानी के बहने की आवाज सुन सकती हूं। अगर बारिश लंबे समय तक जारी रही, तो दीवार से पानी टपकने लगेगा। यह गुफा जैसा ही है, बस वहां पानी नर्म, ताजा और आरामदायक होता है। तथाकथित बाल संरक्षण पूरी तरह बकवास है। यह हास्यास्पद है कि वे जंगल में सांपों की कल्पना कैसे करते हैं। हालांकि यह सर्वविदित है कि सांप अक्सर घरों में रेंगते हैं। क्या वे सचमुच सोचते हैं कि हम सांपों को उनके घरों से ज्यादा बार बाहर देखते हैं? क्या वे कल्पना करते हैं कि सांप झुंड में रेंगते हैं और ढेरों में इकट्ठा होते हैं? यह पूरी तरह से मूर्खता है। सांप बारिश में भी नहीं हिलते।’
बिजनेस वीजा पर गोवा आई थी
कुटीना के मैसेज के बारे में बोलते हुए एसपी नारायण एम ने कहा कि जांच के दौरान रिकॉर्ड से पता चला कि वह 18 अक्टूबर, 2016 से 17 अप्रैल 2017 तक वेलिड बिजनेस वीजा पर गोवा आई थी। वह इस समय से ज्यादा वक्त तक रूकी रही और उसे 19 अप्रैल 2018 को गोवा के पणजी में एफआरआरओ की तरफ से एग्जिट परमिट वीजा जारी किया गया था। एसपी ने आगे कहा कि इसके बाद वह नेपाल चली गई और 8 सितंबर 2018 को वहां से निकलकर भारत लौट आई। जनसंख्या बढ़ाने के लिए रूस का नया प्लान