महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राकांपा नेकता अनिल देशमुख की बेल एप्लीकेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज बांबे हाईकोर्ट को कड़ी फटकार लगा दी। सुप्रीम कोर्ट इस बात से नाराज था कि 8 महीने से हाईकोर्ट ने देशमुख की याचिका को ठंडे बस्ते में डाल रखा है। अदालत का कहना था कि ये कानूनन ठीक नहीं है। हाईकोर्ट के हिदायत दी गई है कि याचिका का जल्द से जल्द निपटारा हो।

अनिल देशमुख ने 21 मार्च को जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। लेकिन आज तक बांबे हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई ही नहीं की। देशमुख के वकीलों ने ये बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाई। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने हाईकोर्ट को फटकार लगाकर कहा कि ये किस तरह की वर्किंग है। बेंच का कहना था कि जो भी आरोपी जमानत के लिए अर्जी दाखिल करता है उसे उम्मीद होती है कि जल्द से जल्द उस पर सुनवाई होगी।

बेंच ने संविधान के आर्टिकल 21 का हवाला देकर कहा कि ये सरासर गलत है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि देशमुख जज के सामने कल अपनी याचिका दाखिल करे। बांबे हाईकोर्ट उस पर इसी सप्ताह सुनवाई करके जल्द से जल्द अपना फैसला दे। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट के जस्टिस एनजे जामदार मामले की सुनवाई करने जा रहे हैं। देशमुख ने मनी लांड्रिंग के केस में हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है।

देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वो जेल में बंद हैं। ईडी का आरोप है कि गृह मंत्री रहते अनिल देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और पुलिस अफसरों के जरिए बांबे के कई बारों से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली करवाई।

देशमुख शरद पवार के कद्दावर नेता माने जाते हैं। उनके कहने पर ही देशमुख को एमवीए सरकार में अहम मंत्रालय मिला। हालांकि शुरू में सबकुछ ठीक चला लेकिन सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह ने उन पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उसके बाद वो अरेस्ट हुए और तब से जेल में बंद हैं।