अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार मुश्किल में दिख रही है। छात्रों के हिंसक विरोध के बाद सरकार कई बदलाव और घोषणाएं कर चुकी है, इसके बाद भी छात्र आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। सरकार के तर्कों पर भी छात्र अब पलटवार कर रहे हैं।
सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में नेताओं को रैली करने से गुरेज नहीं हुआ लेकिन भर्ती निकालने में परेशानी होती रही। सरकार छात्रों को गुमराह कर रही है। न्यूज 24 से बात करते हुए एक छात्र ने कहा- “हमने रेस की, हर चीज की, हमारे कागज जमा हुए हैं 15 साल के लिए, अब ये चार साल का क्या मैटर है, दो साल से इन्होंने पेपर रोक रखा है। कुछ नहीं बता रहे, कह रहे कोरोना चल रहा है, इनकी रैली खूब हुईं, चुनाव हुए, तब कोरोना कहां चला जाता है? पेपर की डेट डिले कर रहे हैं कि अगले महीने होगा, अगले महीने होगा ये क्या चक्कर है, सरकार है ये या क्या है।”
युवक ने आगे कहा कि उसने वोट भी भाजपा को ही दिया था लेकिन अब 2024 में नहीं देगा। छात्र ने कहा कि ये सरकार हमने बनाई थी, लेकिन ये हमारे लिए कुछ नहीं कर रही है। छात्र ने कहा कि जो चार साल बाद वापस आएगा वो बंदूक उठाकर लूटपाट करेगा और क्या करेगा। बेलदारी तो करेगा नहीं?
एक अन्य युवक ने कहा कि सरकार चार साल बाद 12 लाख देने की बात कह रही है, इतने पैसे में तो घर भी नहीं बनेगा क्या करेगा आदमी? उसे कोई इज्जत नहीं मिलेगी। छात्रों ने कहा कि अगला प्रदर्शन दिल्ली में होगा। ये प्रदर्शन और भी बड़ा होगा। सरकार इस योजना को वापस ले ले।
बता दें कि सरकार ने कुछ दिन पहले ही चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का फैसला किया है। इसमें पेंशन से लेकर कई सुविधाएं खत्म कर दी गईं है। अब इसी को लेकर छात्र भड़के नजर आ रहे हैं।