केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश के श्योपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गये तो पीड़ित लोगों का गुस्सा मंत्री पर फूट पड़ा। गुस्साए लोगों ने मंत्री की गाड़ी पर कीचड़ तक फेंक दिया। बाद में पीड़ित जन मंत्री की गाड़ी के आगे लेट गए और उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। बता दें कि प्रदेश सरकार के अनुसार इस सप्ताह की शुरुआत में हुई भारी बारिश के बाद प्रदेश के उत्तरी हिस्से में आई बाढ़ से 1,250 गांव प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। प्रदेश के ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, अशोक नगर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों में भारी बारिश हुई है।
वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को कहा कि बाढ़ से राज्य के ग्वालियर और चंबल संभाग में बहुत अधिक नुकसान हुआ है। श्योपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने और कुछ अन्य जिलों का दौरा करने के बाद कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैंने जीवन में ऐसी आपदा कभी नहीं देखी। मैंने 80 प्रतिशत लोगों को छतों पर देखा है। बाढ़ के कारण जमीन और फसलों को भारी नुकसान हुआ है।’’
एक सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवराज सिंह सरकार ने कई घोषणाएं की है लेकिन यह राजनीति करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम मदद पहुंचा रहे हैं और कांग्रेस मदद करना जारी रखेगी।’’ कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस क्षतिग्रस्त पुलों, फसलों के नुकसान आदि पर सवाल उठाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ आप (सरकार) मुआवजे का भुगतान करने के लिये नुकसान का आकलन कैसे करने जा रहे हैं। आप कितनी सहायता प्रदान करने जा रहे हैं। बारिश से क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत कब होगी और बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों को मकान कब मिलेंगे।’’
इससे पहले शनिवार सुबह को अन्न उत्सव को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य के बाढ़ प्रभावित हिस्सों से 8,832 लोगों को बचाया गया जबकि 29,280 अन्य को इन इलाकों से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
मालूम हो कि मध्यप्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कार्यबल (टास्क फोर्स) गठित करने और प्रति परिवार 50 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज देने के साथ छह हजार रुपये (मकान किराया या मरम्मत के लिए)की तत्काल सहायता देने का फैसला किया है।