श्रीनिवास जनयाला

आंध्र प्रदेश में सोशल मीडिया पर की जा रही आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के समर्थकों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों पर महिला नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अश्लील और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। टीडीपी का कहना है कि इन पोस्टों में महिलाओं के प्रति असम्मानजनक शब्दावली का प्रयोग हुआ है, जो एक सीमा का उल्लंघन है। पुलिस ने नवंबर के पहले सप्ताह में अब तक 680 नोटिस जारी किए, 147 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और 49 लोगों को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरे विवाद की जड़

टीडीपी का आरोप है कि वाईएसआरसीपी समर्थकों ने गृह मंत्री वी अनिता, विधायक एन. बालकृष्ण की पत्नी वसुंधरा, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पत्नी, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की बेटियों, वाई एस शर्मिला और उनकी मां वाई एस विजयम्मा जैसी महिलाओं को सोशल मीडिया पर अपमानित किया है। पुलिस का कहना है कि इन पोस्टों से समुदायों के बीच टकराव की स्थितियां पैदा हो रही हैं। कई बड़े वाईएसआरसीपी समर्थकों पर आईटी एक्ट की धाराओं के तहत अश्लील कंटेंट पोस्ट करने, इमेज से छेड़छाड़ करने और सार्वजनिक शांति भंग करने का आरोप है। इनमें वररा रविंदर रेड्डी, इंतुरी रवि किरण, और कल्लम हरिकृष्ण रेड्डी जैसे बड़े एक्टिविस्ट शामिल हैं।

मामले में पुलिस की कार्रवाई

कुरनूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण ने बताया कि रविंदर रेड्डी जैसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए हैं, जो सोशल मीडिया के माध्यम से अश्लील और अपमानजनक सामग्री पोस्ट कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि रेड्डी ने महिला नेताओं की इमेज को बदलने की कोशिश की, जिससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई। इन मामलों में सार्वजनिक शरारत, मानहानि और आपराधिक साजिश जैसे आरोप भी शामिल हैं।

टीडीपी की प्रतिक्रिया

टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने कहा कि राजनीतिक आलोचना और व्यंग्य एक हद तक ठीक हैं, लेकिन महिला नेताओं को निशाना बनाना और उनके खिलाफ अश्लील सामग्री पोस्ट करना एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में अस्थिरता फैल सकती है और राजनीतिक प्रतिशोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मामले में वाईएसआरसीपी का पक्ष

वाईएसआरसीपी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने इस कार्रवाई की निंदा की है और इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है। रेड्डी का कहना है कि ये गिरफ्तारियां लोकतंत्र का गला घोंटने जैसी हैं और नागरिक अधिकारों का हनन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विरोध की आवाजों को दबाने के लिए शक्ति का दुरुपयोग कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।

जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण की प्रतिक्रिया

जन सेना पार्टी के प्रमुख और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई है। हाल ही में उन्होंने गृह मंत्री पर अपने कर्तव्यों का सही से पालन न करने का आरोप लगाया। कल्याण का कहना है कि राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

यह विवाद आंध्र प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरमा रहा है। सरकार की ओर से महिला नेताओं की गरिमा को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही है, वहीं वाईएसआरसीपी इसे बोलने की आजादी पर हमले के रूप में देख रही है। सवाल यह है कि सोशल मीडिया पर बोलने की आजादी और अश्लील सामग्री के बीच की सीमाएं कैसे तय की जाएं?