आंध्र प्रदेश में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की छापेमारी से खुलासा हुआ है कि  ईस्ट गोदावरी जिले के परिवहन उपायुक्त ए. मोहन के पास कई राज्‍यों में 800 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। मोहन की संपत्ति कितनी जगहों पर फैली है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार से शुरू तलाशी अभियान खबर लिखे जाने तक जारी था।

जानकारी के मुताबिक, मोहन के पास विजयवाड़ा, अनंतपुर, कडप्पा, बेल्लारी, मेडक, नेल्लोर, प्रकासम और हैदराबाद में संपत्ति है। उनके 9 ठिकानों पर की गई छापेमारी में अब तक 02 किलो सोना, 05 किलो चांदी, हैदराबाद में 14 फ्लैट के कागजात मिले हैं।  एंटी करप्‍श्‍न ब्‍यूरो की डीएसपी ए. रमादेवी की देख-रेख में अलग-अलग टीमों ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक स्थित ठिकानों पर गुरुवार से छापेमारी शुरू की थी। मोहन को शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद विजयवाड़ा में एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्‍हें दो हफ्ते की रिमांड पर भेज दिया है।

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बड़ी बेटी के नाम पर आठ बेनामी कंपनियां बनाईं

जानकारी के मुताबिक, मोहन ने बड़ी बेटी तेजश्री के नाम पर आठ कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों की वेल्‍यू 100 से 120 करोड़ बताई जा रही है। हाल ही में मोहन ने कर्नाटक के बेल्लारी में रिश्तेदारों की करोड़ों की संपत्ति अपने नाम की, जिसकी भनक पुलिस अधिकारियों को लगी। इसी के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई।

छापा पड़ते ही मोबाइल बाहर फेंक दिया

मोहन ने पहले तो अपने घर पर एसीबी अधिकारियों को घुसने नहीं दिया और बाद में अपना मोबाइल फोन फेंक दिया। मोहन और उसके रिश्तेदारों के यहां से कीमती आभूषण, हीरे और अन्य पत्थर मिले हैं।

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ऑफिस के स्‍टाफ से भी लेता था रिश्‍वत 

ईस्ट गोदावरी के आरटीओ कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि मोहन के पास अगर कोई स्‍टाफ का आदमी भी काम के लिए जाता तो उसे भी रिश्‍वत देनी ही पड़ती थी। उन्‍होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग से भी काली कमाई की। काकीनाड़ा विधायक वनामाडी वेंकटेश्वर राव ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से उसकी शिकायत भी की थी।