जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आतंकवादी के लिए शोकसभा करने वाले छात्रों का बचाव किया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है छात्रों पर लगा देशद्रोह का मुकदमा वापस लिया जाए। बता दें कि बीते बुधवार (10 अक्टूबर) को आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर मन्नान बशीर वानी मार गिराया गया था। सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में मन्नान समेत तीन आतंकियों को एनकाउंटर में मार दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में कुछ कश्मीरी छात्रों ने कथित तौर पर मारे गए आतंकी मन्नान वानी के जनाजे की नमाज अता की और देश विरोधी नारे लगाए थे। आरोपी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा ठोका गया। तीन छात्रों को यूनिवर्सिटी ने सस्पेंड कर दिया और उनका समर्थन करने वाले चार छात्रों को कारण बताओ नोटिस दिया गया। सोमवार (15 अक्टूबर) को महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ”युवाओं को टकराव की ओर धकेलने से उसका परिणाम विपरीत ही होगा। केंद्र सरकार को छात्रों पर से केस हटाने के लिए जरूर हस्तक्षेप करना चाहिए और एएमयू अधिकारियों को उनके निलंबन को जरूर हटाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के बाहर की संबंधित राज्य सरकारों को स्थिति के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और आगे अलगाव को रोकना चाहिए।”

एक और ट्वीट में महबूबा ने लिखा, ”कश्मीर में निरंतर हिंसा पीड़ित उनके पूर्व सहयोगियों को याद करने के लिए उन्हें दंड देना उपहास उड़ाना होगा।” बीते शुक्रवार को अलीगढ़ के एसएसपी अजय शाहनी ने मीडिया को बताया कि देश विरोधी नारों वाला वीडियो देखे जाने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने वसीम मलिक, अब्दुल मीर और एक अज्ञात छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

बीते गुरुवार को एएमयू के कुछ छात्र परिसर के केनेडी हॉल में कथित तौर पर वानी को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठे हुए थे। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय के कर्मचारी और छात्र संघ के लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी। एएमयू के प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी ऐसी गतिविधि, जो देशद्रोह के तौर पर मालूम होती हो, उसके लिए शून्य सहनशीलता नीति पर कार्रवाई की जाएगी।