Amritsar Train Accident, अमृतसर ट्रेन हादसा, Punjab Train Accident, Railway helpline numbers, Latest Train Accident News: पंजाब के अमृतसर में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था। जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग रेल पटरी पर चले गए। कुछ लोग रावण दहन देखने के लिए पहले से ही रेल पटरी पर खड़े थे। इसी दौरान पठानकोट से अमृतसर जा रही ट्रेन तेज गति से आई और बड़ी तादाद में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। अमृतसर सिविल हॉस्पिटल के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी ने एएनआई से कहा कि ”ट्रेन हादसे में 60 मृतक और 51 घायल हैं।” इस बीच पंजाब सरकार ने शनिवार को एक दिन के शोक का ऐलान किया है। दफ्तर और शिक्षण संस्थान शनिवार को बंद रहेंगे।

पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने बाद में कहा कि कोई भी नहीं जानता था कि हादसा कैसे हुआ और सब जश्न मना रहे थे और पटरियों पर सेल्फी ले रहे थे। कई नेताओं समेत लोगों ने ट्विटर पर दुखद घटनाओं के दौरान सेल्फी लेने की पंरपरा पर निराशा जताई। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘नासमझी और पूरी तरह से टाला जा सकने वाला हादसा है। जिस तरह से लोग ट्रेन के लोगों को कुचलने के बाद भी शूट कर रहे हैं वीडियो को देखकर उससे आपको घटना की भयावहता की कल्पना करने में भी मुश्किल होगी।’’ आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति शर्मा मेनन ने ट्वीट किया कि यह अविश्वसनीय है कि ट्रेन ने लोगों को कुचल दिया और फिर भी वे मोबाइल से वीडियो बनाते रहे। टीवी चैनलों पर प्रसारित हुई दुर्घटना की वीडियो फुटेज बता रही है कि जब यह भीषण हादसा हुआ तब कई लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे।

बताया जाता है कि रावण दहन के दौरान पटाखे जलने की वजह से लोग ट्रेन की सीटी की आवाज नहीं सुन सके। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं। घटनास्थल पर करीब 700 लोग जमा थे। पंजाब के नगर निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बेंगलुरू में एक समाचार चैनल से कहा कि मृतकों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है। सिद्धू इस इलाके के विधायक हैं। उनकी पत्नी नवजोत कौर दुर्घटना स्थल पर आयोजित दशहरा उत्सव की मुख्य अतिथि थीं और रावण दहन के बाद वह वहां मौजूद लोगों को संबोधित करने वाली थीं। दुर्घटना शाम 7 बजे हुई।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर शोक व्यक्त किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ”अमृतसर में दुखद रेल हादसे के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। दुख की इस घड़ी में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को मदद के लिए खोले रखने के लिए कहा है। जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य के लिए निर्देश दिए गए हैं।” अमरिंदर सिंह ने रेल हादसे के कारण अपने पांच दिवसीय इजरायल दौरे को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, “मुख्यमंत्री का इजरायल दौरा रद्द कर दिया गया है। वह शनिवार की सुबह अमृतसर पहुंचेंगे।”

सीएम अमरिंदर ने एक और ट्वीट कर बताया कि अमृतसर में दशहरा पर हुए दुखद रेल हादसे में राहत और बचाव कार्य को खुद देखने के लिए वह मौके पर रवाना हो रहे हैं। सीएम ने मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज की घोषणा की। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”अमृतसर में ट्रेन दुर्घटना से बेहद दुखी हूं। त्रासदी दिल दहलाने वाली है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया उनके लिए मेरी गहरी संवेदनाएं हैं और मैं प्रार्थना करता हूं कि जो लोग घायल हुए हैं वे शीघ्र ठीक हो जाएं। अधिकारियों से जरूरी मदद तत्काल प्रदान करने के लिए कहा है।”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अमृतसर रेल हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”पंजाब में हुआ ट्रेन हादसा, जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, यह स्तब्ध करने वाला है। मैं राज्य सरकार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दुर्घटनास्थल पर तुरंत राहत उपलब्ध कराने के लिए आग्रह करता हूं। जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हो जाएं।”

प्रत्यक्षदर्शी हादसे के लिए प्रशासन की बदइंतजामी को कारण बता रहे हैं। उनका कहना कि मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं। घटनास्थल पर करीब 700 लोग जमा थे। एक गमगीन महिला ने कहा, ‘‘मैंने अपना नाबालिग बेटा खो दिया। मुझे मेरा बेटा लौटा दो ।’’ एक स्थानीय शख्स ने कहा, ‘‘कई बार हमने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से कहा है कि इस मुद्दे को रेलवे के साथ उठाएं कि दशहरे के दौरान फाटक के पास ट्रेनों की गति को कम रखा जाए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।’’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पटाखों के शोर की वजह से लोगों को आ रही ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकी।

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