खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह के चाचा समेत उसके सात सहयोगियों को अलग-अलग सेल में रखा गया है। ये सातों असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में हैं और उन्हें अलग-अलग सेल में 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पूरे जेल परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और वारिस पंजाब दे (डब्ल्यूपीडी) के सात सदस्यों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है। अधिकारी के मुताबिक, सातों को उनकी कोठरियों में बिस्तर और टेलीविजन सेट की सुविधा दी गई है।
जेल के बाहर भी बढ़ाई गई सुरक्षा
उन्होंने बताया कि जेल परिसर में चार अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं अन्य खराब कैमरों को सही कर दिया गया है या बदल दिया गया है। जेल के एक अधिकारी ने कहा कि ब्लैक पैंथर असम पुलिस के कमांडो के एक दल को जेल के बाहर की सुरक्षा सौंपी गई है। वहीं सीआरपीएफ, असम पुलिस के जवान और जेल सुरक्षाकर्मी आंतरिक सुरक्षा संभाल रहे हैं।
जेल की चाहरदीवारी पर लगाए गए कैमरे
उन्होंने कहा कि जेल की पूरी चाहरदीवारी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रशांत भुइयां ने बुधवार को जेल की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। डिब्रूगढ़ के उपायुक्त बिस्वैत पेगू ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत निरुद्ध आरोपी अन्य कैदियों से अलग होते हैं।
अमृतपाल सिंह के चाचा और अन्य साथियों को को ले जाया गया डिब्रूगढ़ जेल
अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह समेत उसके तीन साथियों को मंगलवार को उच्च सुरक्षा वाली डिब्रूगढ़ जेल में लाया गया था। इनमें कुलवंत सिंह धालीवाल और गुरिंदर पाल सिंह भी थे। इससे पहले रविवार को समूह के चार सदस्यों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया था। इनमें दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह और भगवंत सिंह उर्फ बाजेका हैं।
